जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हसीन को कोर्ट में किया गया पेश, दिल्ली पुलिस के चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली पुलिस ने कहा कि जांच अभी शुरुआती दौर पर है. FIR सेंसेटिव है और आरोपी के बेटे को हसीन की गिरफ्तारी की जानकारी दे दी गई है. कानूनी प्रक्रिया का पालन करने गिरफ्तारी की गई है.

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नई दिल्ली:

जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हसीन को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है. दिल्ली पुलिस ने कहा जांच में जो मोबाइल नंबर मिला है, वो सिम इंडिया का था और पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहा था. DRDO के अधिकारी अमित कुमार को हनी ट्रैप करने की कोशिश की गई. इसके सबूत के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लगाया गया है.

सिम का कनेक्शन हसीन के नाम का है. इन सिम को पाकिस्तान के इंटेलीजेंस ऑफिसर को दिया गया, जिनके जरिए हनी ट्रैप किया जा सकता था. स्पेशल सेल ने कहा कि हमें अन्य आरोपियों के साथ इसको आमना-सामना कराना है और जांच को आगे बढ़ाना है. इसके भाई कासिम को सेल ने पहले ही अरेस्ट किया है. वहीं, इन भारतीय नंबर के सिम को लेकर पाकिस्तान गया था.

दिल्ली पुलिस ने हसीन की 5 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग की है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि जांच अभी शुरुआती दौर पर है. FIR सेंसेटिव है और आरोपी के बेटे को हसीन की गिरफ्तारी की जानकारी दे दी गई है. कानूनी प्रक्रिया का पालन करने गिरफ्तारी की गई है.

दिल्ली पुलिस ने कहा IP से पता चला कि नंबर भारत का था. लेकिन पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहा था. मामले में मुख्य आरोपी कासिम की गिरफ्तारी हो चुकी कही. कासिम 6 अगस्त को पाकिस्तान गया था. कासिम के निशानदेही पर हसीन की गिरफ्तारी हुई है.

जज ने पूछा यह साइबर फ्राड का मामला हो सकता है. यह कैसे पता चला कि यह जासूसी का मामला है? इसपर दिल्ली पुलिस ने कहा कि भारत के नंम्बर से पाकिस्तान से कॉल करके हनी ट्रैप में फंसाया जाता है. ऐसे कई मामले सामने आए हैं, कासिम हसीन के नाम का सिम पाकिस्तान लेकर गया था. दिल्ली पुलिस ने कहा कि मामले में अन्य आरोपियों के बारे में पता लगाना है.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को एक बड़ी कामयाबी मिली है. जासूसी नेटवर्क से जुड़े केस की जांच के सिलसिले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी का नाम हसीन (उम्र 42 साल) है, जो राजस्थान के जिला डीग के गांव गंगोरा का रहने वाला है. हसीन पहले से गिरफ्तार आरोपी कासिम का बड़ा भाई है.

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हसीन को राजस्थान के ही थाना नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया. जांच में सामने आया है कि हसीन करीब 15 साल पहले पाकिस्तान गया था, क्योंकि उसके कुछ रिश्तेदार वहां रहते हैं. तभी से उसकी ISI अधिकारियों से पहचान हो गई और पिछले 4-5 सालों से वो उनके संपर्क में था.

स्पेशल सेल की पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ है कि अगस्त 2024 में हसीन ने पाकिस्तान में अपने भाई कासिम के जरिए कुछ सिम कार्ड भिजवाए थे. इनमें से एक सिम कार्ड हसीन के नाम पर रजिस्टर्ड था, जिसे PIO (Pakistani Intelligence Operative) ने इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं, हसीन ने पाकिस्तान में व्हाट्सएप चालू कराने के लिए OTP भी उपलब्ध कराया और भारतीय सेना के कुछ संवेदनशील ठिकानों की तस्वीरें PIO को भेजी थीं. इसके बदले में उसे पैसे भी मिले थे.

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हसीन के ISI हैंडलर्स ने उसके भाई कासिम, बहन और जीजा को अगस्त 2024 में पाकिस्तान का वीज़ा दिलाने में भी मदद की थी. आरोपी 5 दिन की पुलिस रिमांड पर है,उससे पूछताछ कर देशभर में फैले उसके जासूसी नेटवर्क की गहराई से जांच की जाएगी. दिल्ली पुलिस की ये कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है.

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