"थारा फूफा ज़िन्दा है..." : मृत बताकर पेंशन बंद करने के खिलाफ 102-वर्षीय बुज़ुर्ग का अनोखा प्रदर्शन

102 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया कि पिछले सात महीनों से उनकी पेंशन बंद है. उन्होंने बताया कि आखिरी पेंशन 2 मार्च को आई थी. बुजुर्ग ने बताया कि तब से वह खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश में लगे हैं.

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102 वर्षीय दुलीचंद की पेंशन हरियाणा के समाज कल्याण विभाग ने मृत समझकर काट दी थी.
रोहतक:

हरियाणा में सरकारी लापरवाही के खिलाफ 102 साल के एक बुजुर्ग ने अनोखा विरोध-प्रदर्शन किया है और बैंड-बाजे के साथ डीसी ऑफिस पहुंचकर सरकारी व्यवस्था की पोल खोली. दरअसल, रोहतक के गांधरा गांव निवासी 102 वर्षीय दुलीचंद की पेंशन हरियाणा के समाज कल्याण विभाग ने मृत समझकर काट दी थी. इसी बात का उन्होंने अनोखे ढंग से विरोध किया.

बैंड बाजे के साथ बग्गी में बैठकर डीसी ऑफिस पहुंचे दुलीचंद के हाथों में तख्ती पर लिखा था- "थारा फूफा अभी जिंदा है." रेस्ट हाउस पहुंचने पर बुजुर्ग दुलीचंद को पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने आश्वासन दिलाया कि उनकी समस्या का समाधा जल्दी करा दिया जाएगा.

इससे पहले 102 वर्षीय बुजुर्ग ने बताया कि पिछले सात महीनों से उनकी पेंशन बंद है. उन्होंने बताया कि आखिरी पेंशन 2 मार्च को आई थी. बुजुर्ग ने बताया कि तब से वह खुद को जिंदा साबित करने की कोशिश में लगे हैं. आप नेता नवीन जयहिंद ने इस घटना का एक वीडियो पोस्ट किया है.

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