हरियाणा में हैवानियत: ड्राइवर ने 7 साल के बच्चे को खिड़की से उल्टा बांधकर पीटा, प्रिंसिपल ने जड़े थप्पड़

स्कूल में बच्चे पढ़ने जाते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के नाम पर कई स्कूल सारी सीमाएं पार कर जाते हैं. अत्याचार करने लगते हैं. बच्चा डर से बोल नहीं पाता और धीरे-धीरे पढ़ाई से दूर होता हुआ सहम सा जाता है. ऐसी ही एक घटना हुई हरियाणा में, मगर सरकार ने उस स्कूल पर कड़ी कार्रवाई की.

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  • पानीपत के एक निजी स्कूल में दूसरी कक्षा के छात्र के साथ मारपीट में प्रिंसिपल और ड्राइवर अरेस्ट हो गए.
  • वायरल वीडियो में स्कूल बस ड्राइवर छात्र को उल्टा बांधकर पीटते और प्रिंसिपल छात्र को थप्पड़ मारते दिखी.
  • शिक्षा विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए स्कूल को नोटिस भेजकर बंद कर दिया है.
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हरियाणा पुलिस ने सोमवार को पानीपत शहर के एक निजी प्राथमिक विद्यालय के दूसरी कक्षा के छात्र के साथ मारपीट करने और उसे खिड़की से उल्टा बांधने के आरोप में स्कूल के प्रिंसिपल और ड्राइवर को गिरफ्तार किया है. पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई थी. आज हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि डिपार्टमेंट ने कड़ी कार्रवाई करते हुए नोटिस भिजवाकर स्कूल को बंद कर दिया है. स्कूल की प्रिंसिपल और ड्राइवर गिरफ्तार कर लिए गए है. यह अमानवीय कार्य हुआ है. स्कूल में बच्चों को पढ़ने-लिखने के लिए भेजा जाता है. यह इंसानियत नहीं है, इसलिए विभाग ने कड़ा एक्शन लिया है.

कैसे पता चला मामले का

दरअसल, दो वीडियो वायरल हुए थे. दोनों वीडियो पानीपत के सृजन पब्लिक स्कूल के बताए गए. इसमें एक वीडियो में स्कूल बस ड्राइवर सात साल के बच्चे को खिड़की से उल्टा बांधकर पीटता हुआ दिखाई दिया. एक अन्य वीडियो में, स्कूल के प्रिंसिपल को दो छात्रों को लगातार थप्पड़ मारते और एक छात्र के कान उनके सहपाठियों के सामने खींचते हुए देखा गया. पानीपत के पुलिस उपाधीक्षक सतीश वत्स ने मीडिया को बताया कि प्रिंसिपल और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि घटना 13 अगस्त की है और पीड़ित के परिवार को इस अपराध के बारे में 27 सितंबर को पता चला, जब बस चालक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें लड़के को खिड़की से उल्टा बांधा हुआ दिखाया गया था.

प्रिंसिपल पर कौन सी धाराएं लगीं

स्कूल की प्रिंसिपल रीना और बस ड्राइवर अजय पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) अधिनियम की धारा 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 127(2) (गलत तरीके से बंधक बनाना), 351(2) (आपराधिक धमकी) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया है. कानून हाथ में लेने के बारे में पूछे जाने पर, प्रिंसिपल ने पुलिस को बताया कि दो बहनों के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए उन्हें थप्पड़ मारा गया था और उन्होंने उसी दिन उनके माता-पिता को इस घटना के बारे में बताया था.

प्रिंसिपल का पिटाई पर जवाब

प्रिंसिपल ने स्वीकार किया कि उन्होंने छात्र को होमवर्क पूरा न करने पर डांटने के लिए ड्राइवर को बुलाया था, लेकिन उन्हें शारीरिक दंड के बारे में तब पता चला, जब उसके माता-पिता शनिवार को स्कूल आए और इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने दावा किया कि जब उन्हें पता चला कि ड्राइवर अजय ने बच्चे के साथ अनुचित व्यवहार किया था, जिसके पैर रस्सी से बंधे हुए थे और उसे स्कूल यूनिफॉर्म में खिड़की से लटका दिया गया था, तो उन्होंने 30 अगस्त को उसे नौकरी से निकाल दिया था. हालांकि, कुछ अभिभावकों ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल शारीरिक दंड के रूप में छात्रों से कक्षा और शौचालय का फर्श साफ करने के लिए कहती थी.

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