आठ नये मंत्रियों को शामिल करने के साथ हरियाणा मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, सात नए चेहरे

कैबिनेट में शामिल हुए सुभाष सुधा ने कहा, ‘‘ हम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि आने वाले वर्षों में प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के सपने को पूरा किया जाए.’’ लोकसभा चुनाव से पहले पिछले सप्ताह भाजपा ने बदलाव करते हुए मनोहर लाल की जगह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया था.

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चंडीगढ़:

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मनोहर लाल की जगह पद संभालने के एक सप्ताह बाद मंगलवार को अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया और पार्टी के आठ विधायकों को मंत्री बनाया, जिनमें सात नये चेहरे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को सैनी के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, जबकि कहा गया था कि उनका नाम मंत्रियों की शुरुआती सूची में था.

सैनी और पांच मंत्रियों ने पिछले सप्ताह शपथ ली थी. हरियाणा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 14 मंत्री ही हो सकते हैं. राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने यहां राजभवन में नये मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. समारोह में मुख्यमंत्री सैनी और मनोहर लाल मौजूद थे.

हिसार से भाजपा विधायक कमल गुप्ता ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. फरीदाबाद जिले के बड़खल से विधायक सीमा त्रिखा सहित सात नये चेहरों को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शामिल किया गया. त्रिखा मंत्रिमंडल में अकेली महिला हैं.

अन्य मंत्रियों में पानीपत ग्रामीण से विधायक महिपाल ढांडा, अंबाला सिटी से विधायक असीम गोयल, महेंद्रगढ़ के नांगल चौधरी क्षेत्र से विधायक अभय सिंह यादव, कुरुक्षेत्र के थानेसर से विधायक सुभाष सुधा, भिवानी के बवानी खेड़ा से विधायक बिशंबर सिंह वाल्मीकि और गुरुग्राम के सोहना से विधायक संजय सिंह शामिल हैं.

इससे पहले, 12 मार्च को शपथ लेने वाले पांच मंत्रियों में यमुनानगर के जगाधरी से विधायक कंवर पाल, फरीदाबाद के बल्लभगढ़ से विधायक मूलचंद शर्मा, महेंद्रगढ़ के लोहारू से विधायक जय प्रकाश दलाल और रेवाड़ी के बवाल से विधायक बनवारी लाल तथा सिरसा के रानियां से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला शामिल थे.

पिछले सप्ताह शपथ लेने वाले ये पांचों विधायक और कमल गुप्ता पूर्ववर्ती मनोहर मंत्रिमंडल में भी मंत्री थे. नांगल चौधरी से दो बार विधायक रहे अभय सिंह यादव ने शपथ लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक टीम के रूप में काम करेंगे.''

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अंबाला सिटी से दो बार के विधायक असीम गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि वह भाजपा के एक साधारण कार्यकर्ता हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. मैं इसके लिए अपनी पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं.''

जब उनसे विज को मंत्रिमंडल में जगह नहीं किए जाने से जुड़ा सवाल किया गया तो गोयल ने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, ‘‘ विज मेरे बड़े भाई हैं और मुझे उनसे बहुत कुछ सीखना है और हम उनके मार्गदर्शन में आगे बढ़ेंगे.''

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मंत्रिमंडल में अकेली महिला सीमा त्रिखा ने उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपने के लिए अपने पार्टी नेतृत्व का धन्यवाद किया. साथ ही, उन्होंने कहा कि महिलाएं पहले से ही समाज में कई भूमिकाएं निभाती हैं और जब भी उन्हें कोई जिम्मेदारी सौंपी जाती है तो वे अपना सर्वश्रेष्ठ देती हैं.

एक और नवनियुक्त मंत्री संजय सिंह ने कहा कि उनका प्रयास होगा कि आम लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं मिलें. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सेवाओं के डिजिटलीकरण पर बहुत जोर दिया है जिससे आम जनता का जीवन आसान हो गया है.

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कैबिनेट में शामिल हुए सुभाष सुधा ने कहा, ‘‘ हम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे कि आने वाले वर्षों में प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत' के सपने को पूरा किया जाए.'' लोकसभा चुनाव से पहले पिछले सप्ताह भाजपा ने बदलाव करते हुए मनोहर लाल की जगह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया था.

मनोहर लाल कैबिनेट के जिन मंत्रियों को सैनी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली उनमें विज, कमलेश ढांडा और संदीप सिंह शामिल हैं. इसके अलावा, पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला समेत तीन मंत्री भी मनोहर मंत्रिमंडल का हिस्सा थे.

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चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) और भाजपा अब अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे. पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सैनी ने एक सप्ताह पहले खट्टर के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद पांच मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. सैनी सरकार ने गत बुधवार को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत हासिल किया.

सैनी के शपथ ग्रहण वाले दिन खट्टर से पूछा गया था कि क्या विज का नाम उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में है, तो उन्होंने कहा था, ‘‘मंत्रियों को आज शपथ लेनी थी और उनका (विज का) नाम उस (सूची) में था, लेकिन वह नहीं आ सके.''

यह पूछे जाने पर कि क्या विज असंतुष्ट हैं, तो उन्होंने कहा था, ‘‘ अनिल विज हमारे वरिष्ठ सहयोगी हैं... वह कभी-कभी जल्द नाराज हो जाते हैं, लेकिन बाद में सामान्य हो जाते हैं.''Mमनोहर ने कहा था कि पहले भी कई बार ऐसा हुआ है कि जब विज किसी बात पर नाराज हो गए, लेकिन बाद में सब सामान्य हो गया.

उन्होंने कहा था, ‘‘ मैंने उनसे बातचीत की थी. उन्होंने कहा कि उनका आने (शपथ ग्रहण कार्यक्रम के लिए) का मन नहीं है. हम उनसे बात करेंगे. नायब सैनी जी भी उनसे बात करेंगे.''

इससे पहले मंगलवार को मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मंत्री अनिल विज ने कहा, ‘‘ मुझे कोई जानकारी नहीं है.'' उन्होंने कहा कि वह अप्रसन्न नहीं हैं.'' विज संभवत: इस बात से नाराज हैं कि जब पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को हटाकर सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया, तो इस निर्णय की उन्हें जानकारी नहीं दी गई.

उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में पिछले हफ्ते यहां भाजपा विधायकों की बैठक में ही पता चला था, जिसमें सैनी के नाम की घोषणा की गई थी.

विज ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरी जानकारी में नहीं था कि हमारे राज्य के मुख्यमंत्री को बदला जा रहा है. यह मेरे लिए एक चौंकाने वाली बात थी कि मुख्यमंत्री को बदला जा रहा है.'' सैनी सरकार ने ब्राह्मण, दलित, जाट और पंजाबी समुदाय के चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह देकर जाति और क्षेत्र के हिसाब से संतुलन बनाने की भी कोशिश की है.

विज के विधानसभा क्षेत्र के नजदीक के दो निर्वाचन क्षेत्र अंबाला सिटी से असीम गोयल और थानेसर से सुभाष सुधा को मंत्री बनाया गया है. सैनी के मंत्रिमंडल में मूलचंद शर्मा और सीमा त्रिखा फरीदाबाद क्षेत्र से आते हैं जबकि ढांडा, असीम गोयल, सुभाष सुधा और कंवर पाल उत्तरी हरियाणा से विधायक हैं.

अभय सिंह यादव, संजय सिंह और बनवारी लाल दक्षिण हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र से आते हैं. सिरसा जिले के रानियां से विधायक रणजीत चौटाला एकमात्र निर्दलीय हैं जो भाजपा सरकार का समर्थन करते हैं.

हरियाणा के छह बार विधायक रह चुके अनिल विज भाजपा विधायक दल की उस बैठक से नाराज होकर चले गए थे, जिसमें सैनी को सर्वसम्मति से हरियाणा का मुख्यमंत्री नामित किया गया था. मनोहर लाल नीत सरकार में गृह मंत्री रहे विज का अक्सर मुख्यमंत्री के साथ विवाद होता रहता था. पहले कहा गया था कि वह भाजपा द्वारा ‘‘अनदेखी'' किए जाने से नाराज हैं.

यहां संवाददाताओं द्वारा सवाल किये जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने पहले भी कहा है कि मैं भारतीय जनता पार्टी का एक समर्पित कार्यकर्ता हूं. मैं कभी किसी बात से नाराज नहीं होता. मुझे जो भी कहना है, मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं.''

यह पूछे जाने पर कि क्या वह सैनी मंत्रिमंडल में शामिल होने की इच्छा रखते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘यह एक काल्पनिक सवाल है.'' जब उनसे मनोहर लाल की पहले की उस टिप्पणी के बारे में पूछा गया जिसमें खट्टर ने कहा था कि विज जल्द नाराज हो जाते हैं, लेकिन बाद में ठीक भी हो जाते हैं, तो हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कहा ‘‘मुझे नहीं पता कि उन्होंने ऐसा किस आधार पर कहा.''

मुख्यमंत्री सैनी द्वारा अंबाला कैंट क्षेत्र से होते हुए एक रोड शो निकाले जाने के संबंध में राज्य के पूर्व गृह मंत्री विज ने कहा ‘‘ अगर सैनी मेरे आवास पर आते, तो मैं उन्हें चाय की पेशकश करता.''

गौरतलब है कि विज अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री सैनी ने पंचकूला में नाडा साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘विज हमारे सम्मानित नेता हैं और हमें नियमित रूप से उनसे मार्गदर्शन मिलता रहा है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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