"कांग्रेस में बहुत सम्मान मिला था..." :BJP नेता बीरेंद्र सिंह ने बताया हरियाणा में JJP से क्या है दिक्कत

बीरेंद्र सिंह ने कहा, "JJP से गठबंधन करना BJP की मजबूरी थी. मैं अपनी पार्टी को यही कह रहा हूं कि इसके साथ गठबंधन का नुकसान होगा. मैं धर्म की राजनीति करने वालों के खिलाफ हूं. समय आने पर बताऊंगा कि मैं क्या करूंगा."

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चंडीगढ़:

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह (Birender Singh) ने हरियाणा में बीजेपी को बगावती तेवर दिखाए हैं. जींद में सोमवार को हुई एक रैली में उन्होंने धमकी दी कि अगर बीजेपी (BJP) ने हरियाणा में दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ अपना गठबंधन जारी रखा, तो वह अपनी पार्टी छोड़ देंगे. JJP हरियाणा में BJP के नेतृत्व वाली सरकार के साथ गठबंधन में है. दुष्‍यंत चौटाला राज्य के डिप्टी सीएम हैं. बीरेंद्र सिंह ने कहा, "हरियाणा में JJP के साथ गठबंधन करना बीजेपी की मजबूरी थी. लेकिन मैं धर्म की राजनीति करने वालों के खिलाफ हूं."

NDTV ने इस पूरे मामले को लेकर बीरेंद्र सिंह से खास बातचीत की. उन्होंने कहा, "ये भ्रष्टाचार कर रहे हैं. राज्य में लूट मचा रखी है. मैं पार्टी आलाकमान से भी कह चुका हूं. JJP से गठबंधन करना हमारी मजबूरी थी. मैं अपनी पार्टी को यही कह रहा हूं कि इसके साथ गठबंधन का नुकसान होगा. मैं धर्म की राजनीति करने वालों के खिलाफ हूं. समय आने पर बताऊंगा कि मैं क्या करूंगा." हरियाणा में 2024 में अक्टूबर के पहले विधानभा चुनाव होने हैं.

बीजेपी से नाराजगी के सवाल पर बीरेंद्र सिंह ने कहा, "मैं छिपा कर बात नहीं करता. सच्चाई ये है कि हरियाणा में हम तीसरी बार चुनाव जीतने की इच्छा रखते हैं. जेजेपी ने पांच साल स्थायी सरकार के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन किया था. अब ये पार्टी चाहती है कि इस गठबंधन को आगे बढ़ाया जाए. मैं इसका विरोध कर रहा हूं. विरोध इसलिए करता हूं कि मेरी अपनी एनालिसिस कहती है कि जेजेपी के साथ रहने से हमें बड़ा नुकसान हो सकता है."

JJP के साथ मिलकर लड़ेंगे तो नुकसान पक्का
उन्होंने कहा, "अगर हम जेजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, तो इससे पार्टी को नुकसान ही होगा. चुनाव किसी पार्टी के साथ मिलकर तब लड़ा जाता है, जब आपको लगे कि आप कहीं न कहीं किसी न किसी क्षेत्र या फिर समाज के किसी वर्ग में कमजोर हैं. आज बीजेपी की ऐसी स्थिति बिल्कुल भी नहीं है. बीजेपी अपने दम पर चुनाव बेशक लड़ सकती है. हरियाणा में जेजेपी ने बीजेपी के खिलाफ वोट लिया. रिजल्ट आते ही वो बीजेपी के साथ गठबंधन में मिल गए." 

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चुनावी रणनीति में ठोस बदलाव करने की जरूरत
बीरेंद्र सिंह कहते हैं, "इसलिए ये जरूरी है कि हम हरियाणा में अकेले चुनाव लड़े. हम ऐसा करने में सक्षम हैं. हम चुनाव जरूर जीतेंगे. ये चुनावी राजनीति है. एक साल का समय है. इस समय में हमें अपने चुनावी रणनीति में ठोस बदलाव करने की जरूरत है."

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मैं हमेशा अपने मन की बात कहता हूं- बीरेंद्र सिंह
बीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें बीजेपी से बहुत सम्मान मिला है. उनके लिए पार्टी की आलोचना करने का कोई कारण नहीं है. उन्होंने कहा, ''लेकिन मैं हमेशा अपने मन की बात कहते हैं और यही मेरा स्वभाव है.''

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मैं धर्मांधता का कतई समर्थक नहीं
बीरेंद्र सिंह ने कहा, "मैं धर्मांधता.... बल्कि उन सारी ताकतों के खिलाफ हूं, जो लोगों को आपस में बांटती है. ऐसी ताकते को धर्मांधता के नाम से समाज में कोई विकृति पैदा करती है. मैं इन ताकतों का भी विरोध करता हूं. ये बहुत बड़ी बात है. लेकिन आपको फिक्र इस बात की है कि मैं बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में चला जाऊंगा."

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BJP को इशारों-इशारों में चेतावनी देते हुए बीरेंद्र सिंह ने कहा, "मैं कांग्रेस में 42 साल रहा हूं. मेरा राजीव गांधी जी ने बहुत सम्मान किया. अब गेंद बीजेपी के पाले में है." 

2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे बीरेंद्र सिंह
बीरेंद्र सिंह 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. वह हरियाणा के एक प्रमुख जाट चेहरा हैं और हरियाणा सरकार में तीन बार मंत्री भी रह चुके हैं. बीरेंद्र सिंह का परिवार और JJP प्रमुख अजय सिंह चौटाला का परिवार राजनीतिक रूप से कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं. खबरों के मुताबिक, विवाद की जड़ उचाना कलां सीट है, जो बीरेंद्र सिंह का पारिवारिक गढ़ रहा है.

2014 में बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता ने दुष्यंत चौटाला को हराया था. 2019 में JJP नेता ने अपनी हार का बदला ले लिया. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह सीट एक बार फिर से दुष्यंत चौटाला को मिलने की संभावना है. दुष्‍यंत चौटाला ने भी यह जाहिर कर दिया है कि वह उसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. बीरेंद्र सिंह का परिवार भी यही सीट चाहता है. बीरेंद्र सिंह के  बयान पर बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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