हरियाणा में दिखा दिया '9 का दम': खलनायक नहीं, BJP के नायक निकले मनोहर लाल खट्टर

मतदान से पहले मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा का कार्ड खेला था. उन्होंने कुमारी शैलजा के बीजेपी में शामिल होने के मुद्दे को उठाया था. बाद में शैलजा को इस मुद्दे पर सफाई देनी पड़ी थी लेकिन तब तक वोटर्स के एक बड़े वर्ग में मैसेज जा चुका था.

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नई दिल्ली:

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत की हैट्रिक लगाकर तमाम राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया. मतदान के बाद सामने आए तमाम एग्जिट पोल ने कांग्रेस की जीत का दावा किया था. हालांकि नतीजे अलग आए और बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज कर ली. चुनाव के दौरान और उससे पहले जानकारों का मानना रहा था कि बीजेपी की कमजोर हालत के लिए मनोहर लाल खट्टर के 9 साल की शासन है.  खट्टर ने बीजेपी की हालत हरियाणा में बेहद कमजोर कर दी है. हालांकि जब चुनाव परिणाम सामने आए तो मनोहर लाख खट्टर के आधार वाले इलाके में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया. मनोहर लाल खट्टर की लोकसभा सीट करनाल के अंतर्गत आने वाली सभी 9 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. करनाल लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 सीटें करनाल जिले से और 4 पानीपत जिले में आते हैं. 

चल पड़ा खट्टर का शैलजा कार्ड
मतदान से पहले मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा का कार्ड खेला था. उन्होंने कुमारी शैलजा के बीजेपी में शामिल होने के मुद्दे को उठाया था. मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि राजनीति संभावनाओं का खेल है. संभावना तो हमेशा बनी रहती है. मनोहर लाख खट्टर के बयान के बाद कुमारी शैलजा को सफाई देनी पड़ी थी. हालांकि इतने ही दिनों में बीजेपी ने अपने पक्ष में माहौल सेट कर लिया. हालांकि कांग्रेस ने अशोक तंवर को पार्टी में शामिल करवाकर दलित वोटर्स को अंतिम समय में साधने की कोशिश की लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.

पार्टी और संगठन के लिए खट्टर हमेशा रहे हैं वफादार
मनोहर लाल खट्टर आरएसएस की शाखा से निकलकर राजनीति के शिखर तक पहुंचे हैं. आरएसएस के नेताओं के बीच उनकी अच्छी पैंठ है.  मनोहर लाल खट्टर के 2014 में मुख्यमंत्री बनने के पीछे भी इसे एक बड़ा कारण माना गया था. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की इंटरनल सर्वे के आधार पर मनोहर लाल खट्टर को सीएम का पद छोड़ना पड़ा था. हालांकि उन्होंने पद छोड़ने के बाद पार्टी के लिए जमकर काम किया. लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने शानदार जीत दर्ज की और बाद में विधानसभा चुनाव में भी जमकर काम किया. हरियाणा में बीजेपी के कार्यकर्ता एकजुट होकर मैदान में डटे रहें. पार्टी के अंदर किसी भी तरह की गुटबाजी नहीं देखने को मिली.

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खट्टर का मोदी कनेक्शन
1996 में जब नरेंद्र मोदी हरियाणा के बीजेपी प्रभारी थे उस समय मनोहर लाल खट्टर ने उनके साथ मिलकर काम किया था. दोनों ही नेता आरएसएस में अपने जीवन के प्रारंभिक दौर से रहे हैं. मुख्यमंत्री के तौर पर भी खट्टर के चयन में पीएम मोदी की भूमिका मानी जाती थी. पार्टी सूत्रों का कहना रहा है उन्हें राज्य में उनकी बहुत साफ छवि के लिए चुना गया था. 

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पीएम मोदी ने भी मनोहर लाल खट्टर के साथ अपने रिश्ते को लेकर कई बार सार्वजनिक तौर पर बयान दिया. उन्होंने एक बार कहा था कि "मनोहर लाल जी और मैं बहुत पुराने साथी हैं। दरी पर सोने का जमाना था, तब भी साथ काम करते थे। मनोहर लाल जी के पास एक मोटरसाइकल रहती थी। वो मोटरसाइकल चलाते थे और मैं पीछे बैठता था"

बेहद गरीब परिवार से निकले हैं मनोहर लाल खट्टर
मनोहर लाल खट्टर मूल रूप से रोहतक के रहने वाले हैं. उनके पिता जिंदगी की शुरुआती दिनों में मजदूरी करते थे बाद में उन्होंने एक कपड़े की दूकान खोल ली थी. एक नंबर कम रहने के कारण रोहतक मेडिकल कॉलेज में उनका दाखिला नहीं हो पाया था. बाद में उन्होंने दिल्ली के सदर बाजार में एक कपड़े की दूकान खोल ली थी. बाद में उन्होंने अपना व्यवसाय भाई को सौंप दिया और स्वयं आरएसएस के प्रचारक बन गए. बाद में उन्होंने बीजेपी के संगठन को संभाला और हरियाणा में पार्टी के संगठन को बेहद मजबूत कर दिया. 

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खट्टर का हरियाणा में नहीं है बहुत अधिक जातिगत आधार
खट्टर पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उनके समुदाय का हरियाणा में बहुत अधिक जातिगत आधार नहीं है. हालांकि उन्होंने संगठन में काम करते हुए कार्यकर्ताओं के बीच अपने एक मजबूत आधार बना लिया है. मनोहर लाल खट्टर की जगह पर सीएम बनाए गए सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं उनका मजबूत जातिगत आधार है बीजेपी को उसका लाभ मिला. हालांकि संगठन के स्तर पर मनोहर लाल खट्टर ने कार्यकर्ताओं को एकजुट किया. 

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जाट बनाम गैर जाट की राजनीति को मनोहर लाल खट्टर ने किया मजबूत
2014 में जब मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाया गया था तो लोग हैरान थे. हरियाणा की राजनीति में जाट वोटर्स और नेताओं का ही दबदबा रहा था. हालांकि बीजेपी के प्रयोग को मनोहर लाल खट्टर ने 2019 में सही साबित करवाया. बाद में जब खट्टर के खिलाफ कुछ माहौल बने तो पार्टी के कहने पर उन्होंने अचानक सीएम पद छोड़ दिया.  हालांकि वो पर्दे के पीछे से राजनीति में जमे रहे. गैर जाट वोटर्स के बीच बीजेपी की तरफ से मजबूत संदेश पहुंचे.

यहां जानिए सभी 90 सीटों का हाल

विधानसभा सीटभाजपा उम्मीदवारकांग्रेस उम्मीदवारअन्यरुझान/नतीजे
लाडवानायब सिंह सैनीमेवा सिंहबीजेपी जीती
करनालजगमोहन आनंदसुमिता विर्कबीजेपी जीती
कालकाशक्ति रानी शर्माप्रदीप चौधरीबीजेपी जीती
पंचकूलाज्ञान चंद गुप्ताचंद्र मोहनकांग्रेस जीती
नारायणगढ़पवन सैनीशैले चौधरीकांग्रेस जीती
मुलानासंतोष सरवनपूजा चौधरीकांग्रेस जीती
अंबाला कैंटअनिल विजपरिमल पारीचित्रा सरवाराबीजेपी जीती
अंबाला सिटीअसीम गोयलचौ. निर्मल सिंहकांग्रेस जीती
साढौरारेनू बालाबलवंत सिंहबीजेपी जीती
जगाधरीकृष्ण पाल गुर्जरअकरम खानकांग्रेस जीती
यमुनानगरघनश्याम दासरमन त्यागीबीजेपी जीती
रादौरश्याम सिंह राणाबिशन लाल सैनीबीजेपी जीती
शाहबादसुभाष कलसानाराम करणकांग्रेस जीती
थानेसरसुभाष सुधाअशोक अरोड़ाकांग्रेस जीती
पेहोवाजय भगवान शर्मामनदीप सिंहकांग्रेस जीती
गुहलाकुलवंत बाजीगरदेविंदर हंसकांग्रेस जीती
कलायतकमलेश ढांडाविकास सहारणरामपाल माजराकांग्रेस जीती
कैथललीला राम गुर्जरआदित्य सुरजेवालाकांग्रेस जीती
पुंडरीसतपाल जांबासुल्तान सिंह जडोलाबीजेपी जीती
नीलोखेड़ीभगवान दास कबीरपंथीधर्मपाल गोंदरबीजेपी जीती
इंद्रीराम कुमार कश्यपराकेश कुमार कंबोजबीजेपी जीती
घरौंदाहरविंदर कल्याणवीरेंद्र सिंह राठौरबीजेपी जीती
असंधयोगेंद्र राणाशमशेर सिंह नेगीबीजेपी जीती
पानीपत शहरप्रमोद कुमार विजवरींदर कुमार शाहबीजेपी जीती
पानीपत ग्रामीणमहिपाल ढांडासचिन कुंडूबीजेपी जीती
इसरानाकृष्ण लाल पंवारबलबीर बाल्मीकिबीजेपी जीती
समालखामनमोहन भडानाधर्म सिंह छौकरबीजेपी जीती
गन्नौरदेवेंद्र कौशिककुलदीप शर्मानिर्दलीय जीते
राईकृष्ण गहलावतजयभगवान आंतिलबीजेपी जीती
खरखौदापवन खरखौदाजयवीर सिंहबीजेपी जीती
सोनीपतनिखिल मदानसुरेंद्र पंवारबीजेपी जीती
गोहानाअरविंद शर्माजगबीर सिंह मलिकबीजेपी जीती
बरोदाप्रदीप सांगवानइंदराज सिंह नरवालकांग्रेस जीती
जुलानाकैप्टन योगेश बैरागीविनेश फोगाटकविता दलालकांग्रेस जीती
सफीदोंरामकुमार गौतमसुुभाष गंगोलबीजेपी जीती
जींदकृष्ण लाल मिड्ढामहाबीर गुप्ताबीजेपी जीती
उचाना कलांदेवेंद्र अत्रीबृजेंद्र सिंहदुष्यंत चौटालाबीजेपी जीती
नरवानाकृष्ण कुमार बेदीसतबीर दुबलेनबीजेपी जीती
टोहानादेवेंद्र सिंह बबलीपरमवीर सिंहकांग्रेस जीती
फतेहाबादडूडा राम बिश्नोईबलवान सिंहनैना चौटालाकांग्रेस जीती
रतियासुनीता दुग्गलजरनैल सिंहकांग्रेस जीती
कालांवलीराजिंदर देशुजोधाशीशपाल सिंहकांग्रेस जीती
डबवालीसरदार बलदेव सिंहअमित सिहागआदित्य चौटाला/दिग्विजय चौटालाकांग्रेस
रानियांशीशपाल कंबोजसर्वमित्र कंबोजअर्जुन चौटाला/रणजीत चौटालाइनेलो
सिरसारोहताश जांगड़ागोकुल सेतियागोपाल कांडाकांग्रेस जीती
ऐलनाबादअमीर चंद मेहताभरत सिंह बेनिवालअभय सिंह चौटालाकांग्रेस जीती
आदमपुरभव्य बिश्नोईचंद्र प्रकाशकांग्रेस आगे
उकलानाअनूप धानकनरेश सेलवालकांग्रेस जीती
नारनौंदकैप्टन अभिमन्युजसबीर सिंहकांग्रेस
बरवालारणवीर गंगवाराम निवास घोरेलाप्रो. छत्रपालबीजेपी जीती
हांसीविनोद भयानाराहुल मक्कड़बीजेपी जीती
हिसारडॉ कमल गुप्ताराम निवास रारासावित्री जिंदलनिर्दलीय
नलवारणधीर पनिहारअनिल मानबीजेपी जीती
लोहारूजेपी दलालराजबीर सिंह फरतियाकांग्रेस जीती
बधराउम्मेद पातुवाससोमबीर सिंहबीजेपी जीती
दादरीसुनील सांगवानमनीषा सांगवानबीजेपी जीती
भिवानीघनश्याम सर्राफओम प्रकाश (सीपीएम)इंदू शर्माभाजपा जीती
तोशामश्रुति चौधरीअनुरुद्ध चौधरीबीजेपी
बवानीखेड़ाकपूर वाल्मीकिएमएल रांगाबीजेपी जीती
महमदीपक हुड्डाबलराम डांगीबलराज कुंडूकांग्रेस जीती
गढ़ी सांपला किलोईमंजू हुड्डाभूपेंद्र सिंह हुड्डाभूपेंद्र हुड्डा जीते
रोहतकमनीष ग्रोवरभरत भूषण बत्राकांग्रेस जीती
कलानौररेनू डाबलाशिशपाल सिंहकांग्रेस जीती
बहादुरगढ़दिनेश कौशिकराजिंदर सिंह दूननिर्दलीय जीते
बादलीओपी धनखड़कुलदीप वत्सकांग्रेस जीती
झज्जरकप्तान बिरधानागीता भुक्कलकांग्रेस जीती
बेरीसंजय कबलानारघुवीर सिंह कादयानकांग्रेस जीती
अटेलीआरती सिंह रावअनीता यादवबीजेपी जीती
महेंद्रगढ़कंवर सिंह यादवराव दान सिंहबीजेपी जीती
नारनौलओम प्रकाश यादवराव नरिंदर सिंहबीजेपी जीती
नांगल चौधरीअभय सिंह यादवमंजू चौधरीकांग्रेस जीती
बावलडॉ कृष्ण कुमारएमएल रंगाबीजेपी जीती
कोसलीअनिल दहिनाजगदीश यादवबीजेपी जीती
रेवाड़ीलक्ष्मण सिंह यादवचिरंजीव रावबीजेपी जीती
पटौदीबिमला चौधरीपर्ल चौधरीबीजेपी जीती
बादशाहपुरराव नरवीर सिंहवर्धन यादवबीजेपी जीती
गुरुग्राममुकेश शर्मामोहित ग्रोवरनवीन गोयलबीजेपी जीती
सोहनातेजपाल तंवररोहताश खटानाबीजेपी जीती
नूंहसंजय सिंहआफताब अहमदराबिया किदवईकांग्रेस जीती
फिरोजपुर झिरकानसीम अहमदमम्मन खानकांग्रेस जीती
पुन्हानाऐजाज खानमोहम्मद इलियासकांग्रेस जीती
हथीनमनोज रावतमोहम्मद इसराइलकांग्रेस जीती
होडलहरिंदर सिंह रामरतनउदयभानबीजेपी जीती
पलवलगौरव गौतमकरण दलालबीजेपी जीती
पृथलाटेकचंद शर्मारघुबीर तेवतियाकांग्रेस जीती
फरीदाबाद एनआईटीसतीश फागनानीर शर्माबीजेपी जीती
बड़खलधनेश अदलखाविजय प्रतापबीजेपी जीती
बल्लभगढ़मूलचंद शर्मापराग शर्माबीजेपी जीती
फरीदाबादविपुल गोयललखन कुमार सिंगलाबीजेपी जीती
तिगांवराजेश नागररोहित नागरबीजेपी जीती

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