हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत लगभग आखिरी चरण पर पहुंच गई है. हालांकि, इससे पहले ही नेता अपने बगावती सुर में आ गए हैं और इस गठबंधन को लेकर अपनी नाखुशी बयां कर रहे हैं. इसी बीच AAP नेता सोमनाथ भारती ने भी एक्स पर एक पोस्ट करते हुए गठबंधन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "हरियाणा में AAP और कांग्रेस के गठबंधन से पहले आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में इसी तरह के गठबंधन को याद करना चाहिए."
AAP और कांग्रेस के गठबंधन से नाखुश हैं भारती
सोमनाथ भारती ने लिखा, "मेरे राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए रोड शो किए, वहीं AAP के वरिष्ठ नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया लेकिन AAP उम्मीदवार खासतौर पर मैं... मुझे कांग्रेस दिल्ली और लोकल लीडर का कोई सपोर्ट नहीं मिला था. दिल्ली कांग्रेस के चीफ सरदार अरविंदर सिंह लवली और कई कांग्रेस लीडर ने चुनावों के बीच में पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे."
लोकसभा चुनाव को लेकर नाराजगी की जाहिर
"वरिष्ठ कांग्रेस लीडर अजय माकन ने मिलने से भी मना कर दिया, लोकल लीडर जैसे कि जितेंद्र कोचर ने इस गठबंधन के खिलाफ काम किया और कथित तौर पर पैसे के लिए बीजेपी के सांसद उम्मीदवार के लिए वोट मांगे थे. हमारे संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस के वोटों को हमारे पक्ष में मजबूत करने के लिए राहुल गांधी या फिर प्रियंका गांधी या खरगे का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था."
कहा - AAP को अकेले लड़ना चाहिए चुनाव
उन्होंने लिखा, "AAP के समर्थक इस तरग के सेल्फिश गठबंधन के पक्ष में नहीं है और AAP को हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ना चाहिए. हरियाणा में बीजेपी डेथबेड पर है, कांग्रेस में भारी अंतर्कलह है और हरियाणा केजरीवाल का गृह राज्य है. आम आदमी पार्टी को हरियाणा में पहली नॉन बीजेपी और नॉन कांग्रेसी सरकार देने के लिए अपने दम पर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए."
शराब घोटाले पर भी कही ये बात
उन्होंने लिखा, "और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस काल्पनिक शराब घोटाले ने भाजपा को हमारे नेताओं को महीनों और सालों तक गिरफ्तार रखने का कारण दिया, उसकी साजिश माकन ने ही रची थी और उसे सख्ती से आगे बढ़ाया था. जब AAP को हराने की बात आती है, तो भाजपा और कांग्रेस दोनों ही खुलेआम या चुपके से एक साथ काम करते हैं."
हरियाणा में 5 अक्टूबर को होंगे चुनाव
बता दें कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में सभी 90 सीटों पर मतदान की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. इसके बाद 8 अक्टूबर को नतीजों की घोषणा की जाएगी.