Haryana Election Results: भाई vs बहन, ससुर vs बहू, दादा vs पोती, जानिए कौन जीता सियासी जंग

Haryana Assembly Results 2024: हरियाणा चुनाव में परिवार के सदस्य ही एक-दूसरे के खिलाफ कई सीटों पर लड़े. इनमें से कितनों को जीत मिली और किन सीटों पर आपस में लड़ने से दूसरे दल के उम्मीदवारों ने बाजी मार ली...यहां जानें...

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Haryana Results: हरियाणा चुनाव में परिवार के सदस्य ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े.

Haryana Election Results 2024: हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर मतगणना पूरी हो गई है. शुरुआती रुझान में कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखी, मगर भाजपा ने बाजी मार ली और सरकार बनाने जा रही है. इस चुनाव में कहीं दादा-पोती का आमना-सामना हुआ तो कहीं दादा-पोते का. कहीं भाई-भाई तो कहीं ससुर और पुत्रवधु ही एक-दूसरे को हराने के लिए जी-जान से लड़ते दिखे. भाई-बहन का रिश्ता भी चुनावी अखाड़े में नजर आया और एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए सभी दांव आजमाता नजर आया. 

यहां देखें कौन जीता

विधानसभा सीटउम्मीदवारों के बीच रिश्ताउम्मीदवारों के नामरुझान/नतीजे
तोशामभाई-बहनश्रुति चौधरी/अनिरुद्ध चौधरीश्रुति चौधरी जीतीं
बहादुरगढ़चाचा-भतीजाराजेंद्र जून/राजेश जूनराजेश जून जीते
बल्लभगढ़दादा-पोतीमूलचंद शर्मा /पराग शर्मा मूलचंद शर्मा जीते
रानियांदादा-पोतारणजीत चौटाला/अर्जुन चौटालाअर्जुन चौटाला जीते
डबवालीभाई-भाई-दादाआदित्य चौटाला/दिग्विजय चौटाला/अमित सिहागआदित्य चौटाला जीते
पुन्हानाभाई-भाईएजाज खान /मोहम्मद इलियास इलियास जीते
अटेलीससुर-पुत्रवधुठाकुर अतरलाल/साधनाबीजेपी जीती

ससुर-बहू की लड़ाई

अटेली विधानसभा सीट पर इनेलो-बसपा गठबंधन से ठाकुर अतरलाल चुनाव लड़े तो इसी सीट पर उनके खिलाफ उनकी पुत्रवधू साधना निर्दलीय चुनाव लड़ गईं. इससे मुकाबला ससुर बनाम बहू के बीच हो गया.

भाई-बहन की लड़ाई

तोशाम विधानसभा सीट पर कांग्रेस के टिकट पर क्रिकेट प्रशासक से नेता बने अनिरुद्ध चौधरी अपनी ही बहन BJP की श्रुति चौधरी के खिलाफ चुनाव लड़े. श्रुति चौधरी पूर्व सीएम बंसीलाल के छोटे बेटे दिवंगत सुरेंद्र सिंह और BJP नेता किरण चौधरी की बेटी हैं. वहीं अनिरुद्ध चौधरी के पिता का नाम रणबीर सिंह महेंद्र हैं.महेंद्र बंसीलाल के बड़े बेटे हैं. इस तरह अनिरुद्ध और श्रुति चचेरे भाई-बहन हुए.

चाचा-भतीजा की जंग

बहादुरगढ़ में राजेंद्र जून (कांग्रेस) के सामने राजेश जून हैं. राजेश जून निर्दलीय चुनाव लड़े. खास बात ये है कि दोनों चाचा-भतीजे हैं और दोनों कांग्रेस में थे.मगर राजेंद्र को कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद राजेश जून ने बगावत कर दी और निर्दलीय ताल ठोंक दी.

भाई बनाम भाई

पुन्हाना से एजाज खान भाजपा से तो मोहम्मद इलियास कांग्रेस से चुनाव लड़े. ये दोनों चचेरे भाई हैं. इलियास और एजाज एक-दूसरे के चचेरे भाई हैं. 2019 में इलियास कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे,.

दादा-पोती के बीच मुकाबला

फरीदाबाद की बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा और कुनबे के रिश्ते में पोती लगने वाली कांग्रेस प्रत्याशी पराग शर्मा चुनाव लड़े. पराग के पिता पूर्व विधायक योगेश शर्मा मूलचंद शर्मा के चचेरे भतीजे हैं.

दादा-पोते के बीच जंग

सिरसा में देवीलाल परिवार 2 सीटों पर आमने-सामने हुए. रानियां सीट पर दादा रणजीत चौटाला के सामने पोते अर्जुन चौटाला लड़े. इनेलो उम्मीदवार अर्जुन चौटाला अभय चौटाला के बेटे हैं. रणजीत चौटाला निर्दलीय चुनाव लड़े.

यहां तो तीन लड़े

डबवाली सीट पर भी चौटाला परिवार के तीन सदस्य मैदान में थे. आदित्य चौटाला इनेलो से, दिग्विजय चौटाला जजपा से और अमित सिहाग कांग्रेस से चुनाव लड़े. आदित्य और दिग्विजय रिश्ते में चचेरे भाई हैं. सिहाग रिश्ते में दिग्विजय और आदित्य चौटाला के चाचा लगते हैं. 

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