हरियाणा में किसका टिकट कटेगा, किसको मिलेगा: जानिए BJP में अंदरखाने क्या चर्चा, कौन रेस में आगे

Haryana Assembly Election 2024: बीजेपी-कांग्रेस के असंतुष्ट बागी जेजेपी, आम आदमी पार्टी, इनेलो का दामन थाम सकते हैं, जो वोट कटवा का काम कर सकते हैं. जेजेपी का यह प्रयोग साल 2019 विधानसभा चुनाव में काफी सफल रहा था. इसीलिए बीजेपी-कांग्रेस को ऐसे बगियों से बचने की जरूरत है.

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दिल्ली:

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 1अक्टूबर को चुनाव (Haryana Assembly Elections 2024) होने हैं. रिजल्ट 4 अक्टूबर को घोषित होगा. बीजेपी-कांग्रेस, जेजेपी, इनेलो समेत सभी पार्टियां चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बात अगर बीजेपी की करें तो उम्मीदवारों (Haryana BJP Candidates) के नाम भी लगभग फाइनल हैं. किसको टिकट मिलेगा और किका टिकट कटेगा, रेस में कौन आगे है, पार्टी में अंदरखाने इसकी खूब चर्चा हो रही है. इस बीच एक बात तो तय है कि सीएम नायब सिंह सैनी का चुनाव लड़ना तो पक्का है. वह लाडवा से चुनाव  लड़ने जा रहे हैं. खास बात यह है कि बीजेपी इस विधानसभा चुनाव पुराने चेहरों पर ही दांव खेलना चाहती है. केंद्रीय मंत्री या लोकसभा सदस्यों को चुनावी मैदान में न उतारने का फैसला किया गया है. टिकट कटने पर बागियों का क्या रुख होगा ये भी देखने वाली बात है.

बीजेपी में किसका टिकट पक्का?

बीजेपी साल 2019 में विधानसभा चुनाव हारने वाले ज्यादातर पूर्व मंत्रियों को इस बार चुनावी मैदान में उतारने की योजना बना रही है. केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इस बात के संकेत मिले हैं. कई ऐसे चेहरे हैं, जिसको चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. वो अलग बात है कि भितरघाट रोकने के लिए पार्टी उम्मीदवारों के नाम थोड़ा देरी से घोषित करे. 

इन चेहरों का टिकट पक्का!

  • पूर्व मंत्री अनिल विज का अबंला से टिकट पक्का
  • किरण चौधरी की बेटी श्रुति को तोशाम से मिल सकता है टिकट
  • श्रुति को टिकट नहीं मिला को किरण का टिकट तय
  • पूर्व सांसद अरविंद शर्मा का गोहाना से टिकट तय
  • फरीदाबाद से पूर्व मंत्री विपुल गोयल के नाम पर भी विचार
  • हिसार से कमल गुप्ता के नाम पर चर्चा
  • पूर्व सांसद सुनीता दुग्गत को रतिया से मिल सकता है टिकट
  • राज्यमंत्री असीम गोयल को पंचकूला से मिल सकता है टिकट
  • केंद्रीय मंत्री राव बीरेंद्र सिंह की बेटी आरती सिंह का टिकट पक्का
  • केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी का टिकट तय
  • बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बडौली का टिक्ट भी करीब तय.

इनको चेहरों को चुनाव के लिए तैयार रहने का निर्देश

  • ओम प्रकाश धनखड़
  • प्रो. रामबिलास शर्मा
  • कविता जैन
  • कैप्टन अभिमन्यु
  • राव नरबीर
  • कृष्ण कुमार बेदी
  • विपुल गोयल

 
 किन लोगों का कट सकता है टिकट?

  • पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर 
  • पूर्व मंत्री संदीप सिंह
  • कमलेश ढांडा
  • पहलवान योगेश्वर दत्त
  • हिसार से विधायक और स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता
  • सावित्री जिंदल
  • तरुण जैन
  • डॉ. ज्ञानचंद्र गुप्ता

राव इंद्रजीत सिंह कितनी टिकटें मांग रहे?

दक्षिण हरियाणा में खास राजनीतिक प्रभाव रखने वाले राव इंद्रजीत सिंह को चार से पांच सीटें मिलने की संभावना है. हालांकि राव की दावेदारी करीब 1 दर्जन सीटों पर है. उनको उनकी बेटी के अलावा तीन और टिकट दिए जा सकते हैं. अंदरखाने खबर है कि बीजेपी ने राव इंद्रजीत सिंह को गुरुग्राम, रेवाड़ी और बादशाहपुर सीट देने से मना कर दिया है.  

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उम्मीदवारों के नाम में क्यों हो रही देरी?

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का होमवर्क लगभग पूरा हो गया है. इसे लेकर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में गुरुवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी हुई थी. बताया जा रहा है कि वहां 50 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार करीब तय हो चुके हैं.दूसरे दौर की बैठक में करीब 25 और उम्मीदवारों के नामों पर भी मुहर लग गई है. बची हुई 25 विधानसभा सीटों पर बीजेपी कांग्रेस और जीतय समीकरण को ध्यान रखते हुए उम्मीदवार फाइनल करेगी.इन सीटों पर 2-3 दावेदार माने जा रहे हैं. बीजेपी किसी भी तरह का रिस्क लेना ही नहीं ताहती, इसीलिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने में देरी कर रही है. 

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बागी बिगाड़ न दें बीजेपी-कांग्रेस का खेल!

हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस मुख्य पार्टियां हैं. ऐसे में क्षेत्रीय दल इन दोनों ही दलों के बागियों पर नजर बनाए हुए है. जब पार्टियां टिकट बांट देंगी तो ऐसे में कई लोगों की नाराजगी तो जाहिर है. बस क्षेत्रीय दलों को ऐसे ही बागियों की तलाश है., ताकि दोनों दलों का खेल बिगाड़ा जा सके. बीजेपी-कांग्रेस के असंतुष्ट बागी जेजेपी, आम आदमी पार्टी, इनेलो का दामन थाम सकते हैं, जो वोट कटवा का काम कर सकते हैं. जेजेपी का यह प्रयोग साल 2019 विधानसभा चुनाव में काफी सफल रहा था. इसीलिए बीजेपी-कांग्रेस को ऐसे बगियों से बचने की जरूरत है.

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