हरिद्वार के अस्पताल ने कोविड मौतों के आंकड़ों को छिपाया, कार्रवाई का डर दिखाने पर सामने आई सच्‍चाई

उत्‍तराखंड के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 

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प्रतीकात्‍मक फोटो
देहरादून:

उत्‍तराखंड के हरिद्वार के एक निजी अस्पताल ने कथित तौर पर नियमों का खुला उल्लंघन करते हुए एक पखवाड़े से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य अधिकारियों से अपने यहां हुई कोविड मरीजों की मौतों की संख्या छिपाई. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. हरिद्वार के बाबा बर्फानी अस्पताल में 25 अप्रैल से लेकर 12 मई के बीच 65 कोविड मरीजों की मृत्यु हुई लेकिन अस्पताल प्रशासन ने राज्य कोविड नियंत्रण कक्ष से ये आंकड़े छिपा लिए. राज्य कोविड नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने बताया कि जब अस्पताल प्रबंधन को कार्रवाई का डर दिखाया गया तब यह सच उजागर हुआ और प्रबंधन ने मौतों के आंकड़े न बताने के लिए स्टाफ की कमी जैसे बहाने बनाए. 

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चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि राज्य भर के अस्पतालों को महामारी से पीड़ि‍त मरीजों की मौत के 24 घंटे के भीतर उसकी सूचना कोविड नियंत्रण कक्ष को देनी होती है. प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 

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उत्तराखंड में हाल के हफ्तों में कोविड मरीजों की मृत्युदर में अचानक हुयी बढ़ोत्तरी के लिए जहां ज्यादातर लोग निजी अस्पतालों द्वारा रोज की बजाय लंबे अंतराल में कोविड नियंत्रण कक्ष को अपने यहां होने वाली मौतों की सूचना देना मानते हैं, वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सभी अस्पतालों को लिखे एक कड़े पत्र में उन्हें सभी सूचनाएं दैनिक आधार पर देने के आदेश दिये हैं तथा कहा है कि ऐसा न होने की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पत्र में नेगी ने कहा कि अस्पतालों को कोविड मरीजों की ''डेथ समरी'' उसी दिन राज्य कोविड नियंत्रण कक्ष में देनी होगी अन्यथा महामारी अधिनियम के तहत दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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