कुछ ही महीने पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले हार्दिक पटेल को बीजेपी ने विरामगाम विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. महज 29 साल की उम्र में ही हर्दिक ने गुजरात की राजनीति में पटेल आंदोलन के दम पर एक अलग पहचान बनायी है. पहले कांग्रेस और अब बीजेपी की तरफ से उनके ऊपर भरोसा जताया गया. गौरतलब है कि जिस सीट पर हार्दिक को बीजेपी ने उतारा है उस सीट पर पिछले 2 चुनावों से पार्टी को हार का सामना करना पड़ रहा है. हार्दिक पटेल पाटीदार समाज से आते हैं और पाटीदार पिछले 3 दशक से बीजेपी के कोर वोटर माने जाते हैं. हालांकि पार्टी को केशुभाई पटेल के बाद एक मजबूत पाटीदार नेता की जरूरत रही है. कम उम्र के हार्दिक के पार्टी में आने के बाद बीजेपी उस कमी को पूरा करना चाहती है.
पटेल आंदोलन के दौरान गुजरात में हार्दिक पाटीदार युवाओं के बीच एक यूथ आइकन के तौर पर उभरे थे. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन में उन्होंने बड़ी-बड़ी सभा की थी. हार्दिक पटेल ने पिछले चुनाव में गांवों में सभा के दौरान 'जय किसान जय जवान' का नारा लगवाया था. अहमदाबाद की सड़कों पर भी उन्होंने बड़े-बड़े रोड शो कर कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में माहौल बनाया था. कांग्रेस की तरफ से हार्दिक पटेल को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया था.
कांग्रेस ने पिछले चुनाव में बीजेपी को 100 के अंदर रोक दिया था. इस चुनाव में भी बीजेपी के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की तरफ से कड़ी चुनौती दी जा रही है. AAP नेता गोपाल इटालिया भी हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार आंदोलन के ही चेहरे रह चुके हैं. 2015 में हार्दिक के साथ मिलकर ही उन्होंने भी आंदोलन किया था. ऐसे में पाटीदार आंदोलन के चेहरे के तौर पर भी हार्दिक बीजेपी को एक राजनीतिक लाभ दिला सकते हैं.
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