हज 2026 के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू, 31 जुलाई है अंतिम तिथि- इन बातों का रखना होगा ख्याल

Haj 2026 Application Process Starts: हज समिति ने आवेदकों को यह भी सलाह दी है कि वे आवेदन करने से पहले अपनी तैयारियों पर ध्यान पूर्वक विचार करें, क्योंकि मृत्यु या गंभीर चिकित्सा आपातकाल जैसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों को छोड़कर, आवेदन को कैंसिल करने से वित्तीय नुकसान भी हो सकता है.

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Haj 2026 Application Process Starts: हज समिति ने आवेदकों को कई सलाह दी है
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  • साल 2026 के हज के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई की रात 11:59 बजे तक ऑनलाइन जारी रहेगी.
  • आवेदन करने वाले के पास मशीन रीडेबल भारतीय पासपोर्ट होना आवश्यक है, जो कम से कम 31 दिसंबर 2026 तक वैध हो.
  • हज समिति ने कहा है कि आवेदन से पहले दिशा-निर्देश और वचन-पत्र ध्यानपूर्वक पढ़ना अनिवार्य है और आवेदन कैंसिल करने पर वित्तीय नुकसान हो सकता है.
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साल 2026 के हज के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था भारतीय हज समिति ने इसकी जानकारी दी है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, 7 जुलाई से शुरू आवेदन की प्रक्रिया 31 जुलाई तक जारी रहेगी. मंत्रालय ने कहा कि हज करने की इच्छा रखने वाले लोग 31 जुलाई (रात 11:59 बजे) तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि आवेदकों को अपने आवेदन जमा करने से पहले दिशा-निर्देश और वचन-पत्र अच्छी तरह से पढ़ने होंगे. उनके पास आवेदन की अंतिम तिथि को या उससे पहले जारी किया गया ‘मशीन रिडेबल' (मशीन से पढ़ने योग्य) भारतीय पासपोर्ट होना अनिवार्य है तथा यह पासपोर्ट कम से कम 31 दिसंबर, 2026 तक वैध होना चाहिए.

हज समिति ने आवेदकों को यह भी सलाह दी है कि वे आवेदन करने से पहले अपनी तैयारियों पर ध्यान पूर्वक विचार करें, क्योंकि मृत्यु या गंभीर चिकित्सा आपातकाल जैसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों को छोड़कर, आवेदन को कैंसिल करने से वित्तीय नुकसान भी हो सकता है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बीते शुक्रवार को कहा था कि वर्ष 2025 में हज का अब तक का सबसे बेहतरीन आयोजन किया गया तथा अगले साल उनका मंत्रालय इसमें और सुधार करने का प्रयास करेगा.

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उन्होंने यह भी बताया था कि इस साल हज के दौरान 64 भारतीय हजयात्रियों की मौत हुई, जबकि 2024 में 200 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी.

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हज समीक्षा बैठक के बाद रीजीजू ने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा था कि जिंदगी में एक बार हज करना हर मुसलमान की ख्वाहिश होती है और इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास' के मूलमंत्र को लेकर चल रही है.

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गौरतलब है कि हज के सभी ‘अरकानों' (अनुष्ठान) को संपन्न करने में पांच-छह दिन का समय लगता है. रीजीजू का कहना था कि भारतीय हज समिति को भी बता दिया गया है कि सऊदी अरब सरकार के पास जो पैसे जमा करने होते हैं वो तय समयसीमा के भीतर किए जाएं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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