Hafiz Saeed's Viral Video: कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने इस हमले को गंभीरता से लिया और 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक हुई, जिसमें पांच बड़े फैसले लिए गए. पहला, सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया. दूसरा, अटारी-वाघा बॉर्डर को आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया. तीसरा, पाकिस्तानी नागरिकों का भारत में वीजा रद्द कर 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया. चौथा, पाकिस्तानी उच्चायुक्त को दिल्ली से वापस भेजा गया. पांचवां, भारत ने अपने दूतावास कर्मचारियों को पाकिस्तान से वापस बुलाने का फैसला किया. इसके बाद से एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में पाकिस्तान का आतंकी और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद है. वीडियो में हाफिज भारत से बौखलाया और खौफ में है. इस वीडियो से पता लग रहा है कि उसे मालूम है कि अगर सिंधु जल संधि से भारत ने अपना हाथ खींच लिया तो पाकिस्तान का क्या होगा?
हाफिज सईद के वायरल वीडियो में क्या
हाफिज सईद की पहलगाम हमले में भूमिका, जानिए सुरक्षा एजेंसियों को अब तक क्या पता चला
वीडियो में हाफिज सईद पाकिस्तान का पानी रोकने पर धमकी दे रहा है, लेकिन इस पूरे वीडियो की सच्चाई क्या है? क्यों अचानक ये भारत के बड़े फैसले के बाद वायरल होने लगा? दरअसल, हाफिज सईद का ये जो वीडियो वायरल हो रहा है, वो काफी पुराना है. इसमें उसने भारत के खिलाफ जहर उगला था. ये इस वक्त इसलिए वायरल होने लगा, क्योंकि अब पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया है. इसके बाद हाफिज सईद का ये बयान वायरल हुआ. अभी के ताज़ा हालातों को देखते हुए इसे सच न समझें. ये वीडियो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने सोशल मीडिया पर डाला है.
अब बात भारत के उस फैसले की यानि सिंधु जल समझौता. भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी के बंटवारे के लिए 1960 में एक समझौता हुआ, जिसे सिंधु जल संधि कहा जाता है. इस समझौते में विश्व बैंक मध्यस्थता की थी. 19 सितंबर 1960 को कराची में, भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इस पर हस्ताक्षर किए.
क्या है सिंधु जल संधि
इस समझौते के अनुसार, भारत-पाकिस्तान के बीच की छह नदियों को कैसे साझा किया जाएगा, इसका फैसला किया गया. भारत को तीन पूर्वी नदियों - ब्यास, रावी, और सतलुज का उपयोग करने की अनुमति दी गई, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों - सिंधु, चिनाब, और झेलम का नियंत्रण मिला. हालांकि, पाकिस्तान की नदियां भारत से होकर गुजरती हैं. समझौते के अनुसार, भारत को इन नदियों का उपयोग सिंचाई, परिवहन, और बिजली उत्पादन के लिए करने की अनुमति है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान को जो जल मिलता है, वो इन नदियों का लगभग 80% हिस्सा है, जबकि भारत के लिए केवल 20% जल ही बचता है. यह समझौता पाकिस्तान ने डर के कारण किया था कि अगर युद्ध या अन्य संकट की स्थिति आती है, तो भारत नदियों के पानी का उपयोग करने से पाकिस्तान को सूखे या अकाल का सामना न करना पड़े.
पाकिस्तान के लिए क्यों जरूरी सिंधु जल संधि
अब पीएम मोदी के सिंधु जल समझौते को रद्द करने के बाद पाकिस्तान की हवाइयां उड़ चुकी हैं. पाकिस्तान बौखला गया है, क्यूंकि अगर भारत ने इन नदियों का पानी रोक दिया तो पाकिस्तान में अकाल पड़ जाएगा. पाकिस्तान में कई प्रमुख नदियां जैसे सिंधु, चिनाब, बोलान बहती हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण नदी सिंधु है. सिंधु नदी का स्रोत तिब्बत के मानसरोवर के पास है. यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच से होकर बहती है और फिर पाकिस्तान में काफी दूर तक जाती है. सिंधु नदी पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका पानी पीने, खेती और अन्य जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही, इस नदी पर पाकिस्तान में कई जल विद्युत परियोजनाएं भी स्थापित हैं. इसलिए, इसे पाकिस्तान की राष्ट्रीय नदी माना जाता है. अगर भारत ने इस नदी का पानी रोकने की कोशिश की, तो पाकिस्तान के लोग और किसान पानी के लिए बहुत परेशान हो जाएंगे.उन्हें पानी के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ेगा. इससे वहां के लोगों की जिंदगी पर बहुत बुरा असर पड़ेगा.