"यह फैसला हर हिंदू के दिल को खुशी से भरने वाला", ज्ञानवापी में पूजा करने की अनुमति मिलने पर आए कुछ ऐसे रिएक्शन

कोर्ट के इस फैसले के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं.

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ज्ञानवापी में पूजा करने की अनुमति देने के फैसला का लोगों ने किया स्वागत

नई दिल्ली:

कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी स्थित ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में आखिरकार 30 साल पूजा-अर्चना शुरू की गई. कोर्ट के इस फैसले को लेकर अब तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. विश्व हिन्दू परिषद इसे हर हिन्दू के दिलों को खुशी से  भरने वाला बता बता रहा है. कोर्ट के इस फैसले के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आज काशी की एक अदालत ने हर हिंदू के दिल को खुशी से भरने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. इस फैसले पर हिंदू समाज को बधाई दी और कहा, 'हमें उम्मीद है कि इसके बाद ज्ञानवापी मामले पर भी अदालत का फैसला जल्द आएगा. हमें विश्वास है कि सुबूतों और तथ्यों के आधार पर फैसला हिंदुओं के पक्ष में आएगा. 

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अदालत के इस आदेश का स्वागत करते हुए 'एक्स' पर कहा, 'शिव भक्तों को न्याय मिला। बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर में व्यास जी के तहख़ाने में पूजा का अधिकार दिए जाने के संबंध में माननीय न्यायालय के ऐतिहासिक फ़ैसले का हार्दिक स्वागत करता हूं. 1993 से श्रद्धालुओं को इंतज़ार था.

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जिला न्यायालय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में 'व्यास का तहखाना' में 'पूजा' करने की अनुमति देने के बाद, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष नागेंद्र पांडे ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अदालत ने 'तहखाना' में उद्घाटन और उसके बाद पूजा करने का आदेश दिया है जो वर्षों से बंद था. अब किसी भी पक्ष को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. अदालत के आदेश के अनुसार, हम सभी आवश्यक प्रक्रियाएं करेंगे. हमें अपने देवता की पूजा करने का अधिकार दिया गया है. हमारे पास पर्याप्त पुजारी हैं और हम जल्द ही 'पूजा' शुरू करेंगे.

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अदालत द्वारा 'व्यास का तखना' में पूजा की अनुमति दिए जाने के बाद वकील सोहन लाल आर्य ने कहा कि आज हम बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. अदालत का कल का फैसला अभूतपूर्व था. व्यवस्थाएं की गई हैं लेकिन यह (व्यास का तखना) अभी तक भक्तों के लिए नहीं खोला गया है.

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वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वाराणसी कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बैरिकेडिंग में संशोधन किया है और 'व्यास परिवार तहखाना' में दैनिक पूजा शुरू हो गई है.

ज्ञानवापी मस्जिद पर वाराणसी कोर्ट के आदेश पर वकील सोहन लाल आर्य ने कहा कि व्यवस्था तो कर दी गई है. लेकिन अभी तक व्यास तखखाने को श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला गया है. लेकिन हम सब कोर्ट के फैसले से बहुत खुश हैं. 

इन सब के बीच, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस फैसले से मायूसी जरूर है लेकिन अभी ऊपरी अदालतों का रास्ता खुला है. जाहिर है कि हमारे वकील इसे चुनौती देंगे. ज्ञानवापी का मामला अयोध्या के मसले से अलग था. अभी लम्बा रास्ता तय करना है. हमें उम्मीद है कि इसे ऊपर की अदालत में चुनौती दी जायेगी. 

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