ज्ञानवापी मस्जिद मामला : एडवोकेट कमीशन की निष्पक्षता के मुद्दे पर अदालत का फैसला सुरक्षित

ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर जाकर सर्वे करने की हिंदू पक्ष की नई एप्लीकेशन पर दलीलें पूरी नहीं होने से कल भी होगी सुनवाई

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वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी विवाद पर अदालत में सुनवाई चल रही है.
वाराणसी:

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और सिंगार गौरी मामले में आज भी दो घंटे बहस चली. बहस के बाद एडवोकेट कमीशन की निष्पक्षता के मुद्दे वाले मामले पर अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा. कल ज्ञानवापी मस्जिद और बेरी कटिंग के अंदर जाकर सर्वे करने की हिंदू पक्ष की नई एप्लीकेशन पर सुनवाई हुई. उसके बाद इसमें दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दीं. आज दलीलें पूरी नहीं हो पाईं लिहाजा कल इस पर फिर से सुनवाई होगी. इसके बाद अदालत अपना फैसला सुनाएगी. 

इससे पहले वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद मामले में सोमवार को कोर्ट में दोनों पक्षों में बहस शुरू हुई थी. एडवोकेट कमिश्नर ने कोर्ट के समक्ष पेश होकर अपनी बात कही थी. इसके बाद वादी पक्ष की तरफ से एक नया प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया, जिसमें उन्हें मस्जिद के अंदर जाने से रोकने वाले लोगों को दूर किए जाने की बात कही गई. इस नए प्रार्थना पत्र और पुरानी याचिका, जिसमें एडवोकेट कमिश्नर की निष्पक्षता सवाल उठाए गए हैं, पर कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की.

मस्जिद पक्ष के वकील ने एनडीटीवी से कहा कि एडवोकेट कमिश्नर ने अदालत के सामने अपनी बात रखी है. उनकी नई एप्लीकेशन को पढ़ने के बाद उसका काउंटर दाखिल किया जाएगा. 

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कोर्ट ने सोमवार को मस्जिद पक्ष के वकील ने एडवोकेट कमिश्नर की निष्पक्षता पर उठाए गए सवाल को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई की थी. याचिका में एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने सर्वे के दायरे में ली जाने वाली इमारतों को कुरेद-कुरेद कर दिखाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अदालत ने खोदने या कुरेदने का कोई आदेश नहीं दिया था और वह शुक्रवार को हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सोमवार को वीडियोग्राफी-सर्वे टीम ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर नहीं गई. 

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गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर श्रंगार गौरी के नियमित दर्शन,पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी. सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए छह मई का दिन तय किया था.

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