वाराणसी की जिला अदालत ने श्रंगार गौरी मामले को सुनवाई के योग्य माना है.
वाराणसी:
वाराणसी में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका को वाराणसी की कोर्ट ने सुनवाई के योग्य माना है. मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. इस मामले में कब क्या हुआ इसके बारे में हम आपको पूरी टाइमलाइन बता रहे हैं...
- 18 अगस्त 2021 : बनारस की पांच महिलाओं ने मिलकर वाराणसी कोर्ट में याचिका दायर कर साल भर श्रंगार गौरी की पूजा करने की अनुमति मांगी थी. वाराणसी कोर्ट में इस मामले पर 8 महीने सुनवाई हुई.
- 26 अप्रैल 2022 : कोर्ट ने अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी मस्जिद प्रांगण में श्रंगार गौरी मंदिर का सर्वे करने का आदेश दिया. कोर्ट ने अजय मिश्रा को 6, 7, 8 मई को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ सर्वे कर 10 मई तक अदालत में रिपोर्ट पेश करने को कहा.
- 6 मई 2022 : कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम शुरू किया. सर्वे के दौरान वादी पांचों महिलाएं और मस्जिद पक्ष के लोग भी मौजूद रहे.
- 7 मई 2022 : मस्जिद पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा की निष्पक्षता पर सवाल उठाये.
- 12 मई 2022 : कोर्ट ने अजय मिश्रा को हटाने से मना कर दिया साथ ही साथ सर्वे के लिए दो और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिए.
- 14 मई 2022 : कोर्ट द्वारा नियुक्त सर्वे कमीशन ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे शुरू किया.
- 16 मई 2022 : हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग होने की बात कही. मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया.
- 16 मई 2022 : कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया.
- 17 मई 2022 : कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने कमीशन के ही अजय मिश्रा पर सर्वे जानकारी लीक करने का आरोप लगाया. कोर्ट ने अजय मिश्रा को सर्वे कमीशन से बाहर करने के आदेश दिए.
- 19 मई 2022 : कोर्ट कमीशन ने ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की.
- 19 मई 2022 : मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट ने श्रंगार गौरी मंदिर में पूजा करने की याचिका पर सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को 20 मई तक इस याचिका पर सुनवाई टालने का आदेश दिया.
- 20 मई 2022 : सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिला जज को श्रंगार गौरी मंदिर में पूजा करने की याचिका सुनने योग्य है या नहीं ये फैसला करने का आदेश दिया.
- सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को 8 हफ्तों में सुनवाई पूरी करने के आदेश दिये.
सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष ने ये दलीलें दीं
- ये याचिका 1991 के पूजा स्थल कानून का उल्लंघन करती है.
- औरंगज़ेब ने मंदिर तुड़वाया नहीं बल्कि मंदिर की मरम्मत करवाई थी.
- मस्जिद होने के साक्ष्य अकबर के काल से मिलते हैं.
- हिंदू पक्ष ने मस्जिद पक्ष की दलीलों को झूठ बताया
- 24 अगस्त 2022 : वाराणसी कोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी हुई. वाराणसी कोर्ट ने 12 सितंबर तक फ़ैसला सुरक्षित रखा.
- 12 सितंबर को वाराणसी की जिला अदालत ने मामले को सुनवाई के योग्य माना. अगली सुनवाई 22 सितंबर को तय की है.
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