वाराणसी में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) को रवि दिवाकर इस्लामिक आगाज मूवमेंट की ओर से धमकी भरापत्र मिला है. जिसकी जानकारी उन्होंने पत्र के जरिये लखनऊ स्थित अपर प्रमुख सचिव (गृह ) को देकर आवश्यक कार्यवाही का अनुरोध किया है. सात जून की तारीख वाले इस पत्र की प्रतिलिपि यूपी के पुलिस महानिदेशक और वाराणसी के पुलिस कमिश्नर को भी भेजी गई है. गौरतलब है कि सिविल जज रवि दिवाकर, पहले ज्ञानवापी मस्जिद, श्रृंगार गौरी मंदिर मामले की सुनवाई कर रहे थे.
वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने व्हाट्सएप के जरिये ACJM रवि दिवाकर का पत्र रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिये मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने व्हाट्सएप मैसेज में कहा, "आज दोपहर को ACJM श्री रवि दिवाकर जी को एक पत्र रजिस्टर्ड पोस्ट से मिला है, जिसमें कुछ और कागजात भी संलग्न है, इसकी जानकारी उनके द्वारा अभी दी गई है. डीसीपी वरुण खुद इस मामले की जांच कर रहे हैं. मामले की जांच चल रही है. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि CJM रवि दिवाकर जी की सुरक्षा में कुल नौ पुलिस कर्मी लगाए गए है और समय समय पर इसकी समीक्षा भी की जा रही है. इसी तरह जिला न्यायाधीशकी सुरक्षा में 10 पुलिसकर्मी लगे हुए हैं.
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी की अनुमति देने वाले जज रवि कुमार दिवाकर ने अपने फैसले के दौरान भी कहा था कि उनका परिवार उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित था क्योंकि "एक सामान्य नागरिक मामले को एक असाधारण मुद्दे में बदल दिया गया है".सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने अपने फैसले में लिखा है, "डर का माहौल बनाया गया है. ऐसा डर कि मेरा परिवार उनकी और मेरी सुरक्षा के बारे में चिंतित था. जब भी मैं अपने घर से बाहर निकलता था, मेरी पत्नी को मेरी सुरक्षा की चिंता होती थी. मीडिया में कुछ खबरें थीं कि मैं सर्वेक्षण स्थल का दौरा करूंगा लेकिन मेरी मां ने मुझे ऐसा नहीं करने के लिए कहा क्योंकि उन्हें मेरी सुरक्षा की चिंता थी."
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