ज्ञानवापी मामला : वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा हिंदू पक्ष

इस मामले में वाराणसी कोर्ट के फैसले से हिंदू पक्ष संतुष्ट नहीं है. वाराणसी कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं कराने का फ़ैसला सुनाया है.

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
नई दिल्ली:

ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ हिंदू पक्ष अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. दरअसल, इस मामले में वाराणसी कोर्ट के फैसले से हिंदू पक्ष संतुष्ट नहीं है. हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने NDTV से खास बातचीत में बताया कि कोर्ट ने हमारी अर्ज़ी जिसमें हमने कार्बन डेटिंग की मांग की थी उसे ख़ारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि वजूखाने में किसी भी तरह का सर्वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा. ऐसे में हम वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. हमारी कई अर्जियां कोर्ट के सामने हैं. अगली तारीख 17 अक्टूबर की है, तब कोर्ट तय करेगा कि मामले की सुनवाई आगे कैसे चलेगी. वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील रईस अहमद अंसारी ने कहा कि हमने सुनवाई के दौरान कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया था. किसी भी तरह का सर्वे या कॉर्बन डेटिंग उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होता. हमे अगर मौका दिया जाएगा तो हम ये साबित कर देंगे कि यह एक फव्वारा है. 

वाराणसी कोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं कराने का फ़ैसला सुनाया है. कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवेहलना नहीं होनी चाहिए. 5 में से 4 पक्षकारों ने कथित शिवलिंग की ASI द्वारा वैज्ञानिक जांच कराने की मांग की थी. इस मामले में 11 तारीख़ को सुनवाई पूरी हो गई थी. मस्जिद पक्ष ने दलील दी कि वहां शिवलिंग नहीं फ़व्वारा है. 5 में से 1 हिंदू पक्षकार ने कथित शिवलिंग के वैज्ञानिक परीक्षण का विरोध किया. 

बता दें कि शुक्रवार को वाराणसी कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि हमारी मांग है कि कार्बन डेटिंग या फिर किसी और पद्धति से शिवलिंग की वैज्ञानिक जांच हो. वहीं मस्जिद पक्ष ने पिछली सुनवाई में कार्बन डेटिंग कराने का विरोध किया. इस मा्मले में मस्जिद पक्ष की दलील है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि पूरा वजूखाना सील रहे, सर्वे का आदेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा. हम बस चाहते हैं कि वैज्ञानिक सर्वेक्षण से पता चले कि शिवलिंग कितने साल पुराना है. अगर कोर्ट आज सर्वेक्षण के लिए जानकारों की कमेटी बनाएगा तो हमें वो मंज़ूर होगा.

Advertisement

26 अप्रैल 2022: कोर्ट ने अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी मस्ज़िद प्रांगण में श्रृंगार गौरी मंदिर का सर्वे करने के आदेश दिया. 

Advertisement

6 मई 2022: कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम शुरू किया. 

7 मई 2022: मस्जिद पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. 

12 मई 2022 : कोर्ट ने अजय मिश्रा को हटाने से मना कर दिया. साथ ही सर्वे के लिए दो और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिए. 

Advertisement

14 मई 2022 : कोर्ट द्वारा नियुक्त सर्वे कमीशन ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे शुरू किया. 

16 मई 2022 : हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग होने की बात कही. मुस्लिम पक्ष ने इसे फ़व्वारा बताया. 

Advertisement

16 मई 2022 : कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया. 

19 मई 2022 : कोर्ट कमीशन ने ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की. 

19 मई 2022 : मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट ने श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा करने की याचिका पर सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को 20 मई तक इस याचिका पर सुनवाई टालने का आदेश दिया. 

20 मई 2022 : सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी ज़िला जज को श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा करने की याचिका सुनने योग्य है या नहीं. ये फ़ैसला करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को 8 हफ़्तों में सुनवाई पूरी करने के आदेश दिए. 

24 अगस्त 2022 : वाराणसी कोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी हुई. 

12 सितंबर 2022 : वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज की. कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा करने की याचिका सुनने योग्य है. 

22 सितंबर 2022 : हिंदू पक्ष के पांच में चार पक्षकारों ने वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के ASI द्वारा वैज्ञानिक जांच कराने की मांग की.

Featured Video Of The Day
Top 25 Headlines: Allu Arjun के घर फेंके टमाटर, की तोड़फोड़, अब क्यों मचा बवाल? | Pushpa 2 | NDTV
Topics mentioned in this article