- ग्वालियर में नूर आलम को राम बारात शोभायात्रा का समन्वयक बनाए जाने पर हिन्दू संगठनों ने विरोध जताया.
- गुड्डू वारसी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं, लेकिन हिन्दू संगठनों ने उनका विरोध किया.
- हिन्दू संगठनों के बढ़ते दबाव के बाद गुड्डू वारसी को समन्वयक पद से हटा दिया गया.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उस समय विवाद खड़ा हो गया जब हिन्दू संगठनों ने पूर्व पार्षद नूर आलम ‘गुड्डू' वारसी, को वार्षिक श्री राम बारात शोभायात्रा का समन्वयक बनाए जाने पर कड़ा एतराज़ जताया. फूलबाग मैदान पर हो रही रामलीला के दौरान यही राम बारात निकाली जाती है. जिन ‘गुड्डू' वारसी को शोभायात्रा का समन्वयक बनाए जाने पर विवाद हुआ वह बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं.
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गैर-हिन्दू को हिंदू उत्सव में जिम्मेदारी क्यों?
दरअसल इस साल शोभायात्रा के लिए समिति ने रामनारायण मिश्र, गुड्डू वारसी और संजय कथल को समन्वयक नियुक्त किया था. लेकिन आधिकारिक पोस्टरों पर वारसी का नाम आने के बाद विवाद खड़ा हो गया. कई हिन्दू संगठनों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हिन्दू परंपरा से जुड़े धार्मिक उत्सव की जिम्मेदारी किसी गैर-हिन्दू को नहीं दी जानी चाहिए.
हिन्दू जागरण मंच ने किया खुलकर विरोध
विरोध बढ़ने पर सोशल मीडिया पर अभियान और प्रदर्शन तेज़ हो गए. शहर के कई हिस्सों में वारसी की नियुक्ति के खिलाफ पोस्टर चिपकाए गए. वहीं हिन्दू जागरण मंच के क्षेत्रीय संयोजक मनीष उपाध्याय ने फेसबुक पर रामभक्तों से अपील की कि वे आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल को फोन कर आपत्ति दर्ज करवाएं. बता दें रमेश अग्रवाल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी समर्थक माने जाते हैं.
बढ़ते दबाव के बीच रमेश अग्रवाल ने आदेश जारी कर गुड्डू वारसी को समन्वयक पद से हटा दिया. एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, "बजरंग दल और हिन्दू जागरण मंच इसका विरोध कर रहे थे, इसलिए हमने उनको हटा दिया."
ईश्वर की सेवा के लिए किसी पद की जरूरत नहीं
वहीं विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए गुड्डू वारसी ने कहा कि उनको जानकारी मिली है कि कुछ लोगों ने उनके पद पर रहने पर आपत्ति जताई थी. उनको इसमें कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि ईश्वर की सेवा करने के लिए किसी पद की जरूरत नहीं होती उन्होंने कहा कि श्रीराम पर उनकी आस्था है. वह पिछले 25 सालों से रामलीला में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. उनकी यह आस्था आगे भी बनी रहेगी और वह हमेशा इससे इसी तरह जुड़े रहेंगे.
हिंदू त्योहार में बाहरी लोगों का कोई काम नहीं
हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस मामले में सख़्त कदम उठाने की मांग की है. बजरंग दल से जुड़े मनोज रजक ने कहा, “समन्वयक किसी हिन्दू संगठन से होना चाहिए था. अगर उनको नहीं हटाया जाता, तो वे लोग खुद एक्शन लेते. हिन्दू पर्व-त्योहारों में बाहरी लोगों का कोई काम नहीं है. उन्होंने ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर करने की भी मांग की.
बता दें क ग्वालियर में श्री राम बारात शोभायात्रा बहुत ही जोरोशोर से निकाली जाती है. परंपरागत रूप से यह सनातन धर्म मंदिर से शुरू होती है. आयोजकों ने भरोसा दिलाया कि हर साल की तरह शोभायात्रा इस साल भी पूरे धूमधाम से निकलेगी.