साइबर क्राइम के खिलाफ गुजरात पुलिस को बड़ी सफलता, 15 दिनों में 12 मामले सुलझाए

गुजरात के चार महानगरों अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा की साइबर क्राइम टीमों और राज्य साइबर क्राइम सेल ने 15 दिनों में 12 महत्‍वपूर्ण मामलों को सुलझाया है.

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गुजरात के चार महानगरों की साइबर क्राइम टीमों ने इन मामलों को सुलझाया है. (प्रतीकात्‍मक)
अहमदाबाद:

गुजरात पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 दिनों में 12 महत्‍वपूर्ण मामलों को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है. साथ ही गुजरात पुलिस की टीमों ने चीनी साइबर पराध गिरोह के लोगों और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे महत्‍वपूर्ण अपराधों के मास्‍टरमाइंड बदमाशों को भी गिरफ्तार किया है. इसके बाद गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने इस सफलता के लिए गुजरात पुलिस की सभी टीमों और उनका मार्गदर्शन करने वाले अधिकारियों को बधाई दी है. गुजरात के चार महानगरों अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा की साइबर क्राइम टीमों और राज्य साइबर क्राइम सेल ने इन मामलों को सुलझाया है.

अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच की सफलता 

  • 16 मई को कंबोडिया और नेपाल से संचालित चीनी साइबर क्राइम गिरोह के 6 सदस्यों - मनन गोस्वामी, राहुल यादव, आरिफ सैयद, गौतम उर्फ ​​मार्को, चिराग ढोला और यश यादव को गिरफ्तार किया. इस गिरोह ने प्रणय भावसार नामक व्यक्ति के आईसीआईसीआई बैंक खाते को हैक करके 48.85 लाख रुपए का लेनदेन किया. आरोपियों ने प्रणय को 6 दिन तक नेपाल के एक होटल में रखा और डिजिटल गिरफ्तारी, निवेश धोखाधड़ी और टेलीग्राम टास्क धोखाधड़ी जैसे अपराध किए. आरोपियों को अहमदाबाद और सूरत से पकड़ा गया. इन खातों के खिलाफ एनसीसीआरपी पोर्टल पर 200 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं. 
  • 14 मई को डिजिटल गिरफ्तारी के जरिए 14.94 लाख रुपए की ठगी करने वाले जनक भलाला और भावेश बोरड़ को सूरत से पकड़ा गया. आरोपियों ने शिकायतकर्ता महिला को खुद को मुंबई साइबर क्राइम इंस्पेक्टर बताया और ड्रग्स के पार्सल के बहाने उसे डिजिटली गिरफ्तार किया था. 
  • इसके साथ ही एक अन्‍य मामले में अहमदाबाद के आरोपी दिलीप जगानी को गिरफ्तार किया गया है. जगानी डिजिटल गिरफ्तारी, दस्तावेजों की जालसाजी और धोखाधड़ी सहित साइबर धोखाधड़ी और धोखाधड़ी के 7 अपराधों में शामिल था.  वह बैंक खाते प्राप्त करने, धोखाधड़ी के पैसे ट्रांसफर करने और नेपाल में कंबोडियाई-चीनी नागरिकों के साथ व्यवहार करने में शामिल था. उसे भी गिरफ्तार किया गया है. 

सूरत साइबर क्राइम सेल की कार्रवाई

  • 2 मई को दुबई से साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के एक आरोपी अनिलभाई खेनी को गिरफ्तार किया है, जो POS मशीन के जरिए दिरहम निकालकर ठगी करता था. उसके पास से 4 मोबाइल, 5 डेबिट कार्ड, 12 सिम कार्ड और अन्य सामान जब्त किया गया. 
  • 7 मई को वापी निवासी राहुल चौधरी को गिरफ्तार किया, जिसने फॉरेक्स ट्रेडिंग का आकर्षक ऑफर देकर 9,30,700 रुपये की ठगी की थी. 
  • 15 मई को एक व्यक्ति से 98,85,000 रुपये की ठगी करने वाले अमित कुमार और सुमित कुमार ठाकुर को गिरफ्तार किया. फोन/ईमेल के जरिए झूठी जानकारी देकर उनसे ठगी की. 
  • 16 मई को 90 साल के बुजुर्ग को डिजिटली गिरफ्तार कर उनसे 1,15,50,000 रुपए की ठगी के आरोपी नेपाल के पार्थ गोपानी को लखनऊ एयरपोर्ट से पकड़ा गया. उसने सीबीआई/ईडी का फर्जी अधिकारी बनकर धोखाधड़ी की. 
  • 16 मई को बुजुर्ग को डिजिटली गिरफ्तार कर उनसे 22,00,400 रुपए की ठगी करने वाले कृणालसिंह सिसोदिया को गिरफ्तार किया. 

राजकोट साइबर क्राइम टीम की सफलता

  • 2 मई 2025 को ऑनलाइन जुआ वेबसाइटों को बढ़ावा देने के लिए 9 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई.
  • 3 मई 2025 को गुजरात-महाराष्ट्र बॉर्डर से रघुवीर सिंह चौहान को पकड़ा, जिसने फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से पैसे ठगे थे. 

वडोदरा साइबर क्राइम पुलिस का काम

  • 2.71 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से 1.01 करोड़ रुपये बरामद किए. एक मामले में 23 लाख रुपये की डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के एक आरोपी को पुणे से पकड़ा गया, जिसने 15 से अधिक बैंक खातों के जरिए 50 लाख रुपये का लेनदेन किया था. 

राज्य साइबर क्राइम सेल

वडोदरा में हसमन गुप्ता की शिकायत पर उन आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू की गई जो BOSIPTV और IPTV के जरिए अवैध स्ट्रीमिंग सेवाएं दे रहे थे, जिससे भारतीय चैनलों को राजस्व का नुकसान हो रहा था. 

(देवंग आचार्य पटेल की रिपोर्ट)

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