ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका देश यूक्रेन युद्ध का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष कूटनीतिक स्तर पर पहले ही उठा चुका है. जॉनसन ने साथ ही कहा कि हर कोई इस बात को समझता है कि भारत और रूस के बीच ‘‘ ऐतिहासिक रूप से बहुत अलग संबंध'' हैं. यह ब्रिटेन के किसी भी प्रधानमंत्री की पहली गुजरात यात्रा है. जॉनसन दो दिवसीय भारत यात्रा पर सुबह यहां पहुंचे और उनका भव्य स्वागत किया गया. दिनभर उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और कई प्रतिष्ठित स्थल गए.
जॉनसन ने गुजरात के पंचमहाल जिले के हलोल में जेसीबी की एक नये कारखाने का उद्घाटन किया. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हमने पहले ही यूक्रेन का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष कूटनीतिक स्तर पर उठाया है. वास्तव में उन्होंने (भारत) बूचा में हुई प्रताड़ना की कड़े शब्दों में निंदा की थी.''
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हर कोई इस बात को समझता है कि भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रूप से बेहद अलग संबंध हैं, जैसे रूस और ब्रिटेन के बीच पिछले कुछ दशकों में रहे थे.''
दरअसल जॉनसन से प्रश्न किया गया था कि क्या वह यूक्रेन पर भारत के रुख का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाएंगे, और उसके जवाब में उन्होंने यह बात कही. जॉनसन का शुक्रवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात का कार्यक्रम है.
उन्होंने कहा, ‘‘ नरेंद्र मोदी से उसके बारे में (यूक्रेन) हमारी बातचीत में वह हकीकत प्रतिबिंबित होनी चाहिए.''
जॉनसन ने बृहस्पतिवार को महात्मा गांधी को ‘‘असाधारण व्यक्ति'' बताया, जिन्होंने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर बल दिया. जॉनसन साबरमती आश्रम का दौरा करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बने. साबरमती आश्रम से महात्मा गांधी ने एक दशक से अधिक समय तक ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के आंदोलन का नेतृत्व किया था.
जॉनसन ने गांधी आश्रम में आगंतुक-पुस्तिका में लिखा, ‘‘इस असाधारण व्यक्ति के आश्रम में आना और यह समझना कि उन्होंने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए किस प्रकार सत्य और अहिंसा के सरल सिद्धांतों पर बल दिया, यह बहुत बड़ा सौभाग्य है.''
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की प्रशंसा की लेकिन स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटेन के शासक वर्ग से गांधी के लिए ऐसी प्रशंसा दुर्लभ थी.
अपनी यात्रा के दौरान, जॉनसन ‘हृदय कुंज' गए जहां महात्मा गांधी रहते थे. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने चरखे पर सूत कातने की भी कोशिश की. उन्हें चरखे की प्रतिकृति भी भेंट की गई.
जॉनसन ने बाद में उद्योगपति गौतम अडाणी के साथ बैठक की. यह बैठक अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके शांतिग्राम में अडाणी समूह के वैश्विक मुख्यालय में हुई.
अडाणी ने बाद में ट्वीट किया, ‘‘ गुजरात दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन की अडाणी मुख्यालय में मेजबानी करने का सम्मान मिला. अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और नई ऊर्जा के साथ जलवायु और स्थिरता एजेंडा का समर्थन करने की प्रसन्नता है. रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों में सह-निर्माण के लिए ब्रिटेन की कंपनियों के साथ भी काम करेंगे.''
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