ब्लैक फंगस का शिकार अब तक बड़े बुजुर्ग हो रहे थे लेकिन अब इसकी चपेट में किशोर भी आते दिखाई दे रहे हैं. गुजरात के अहमदाबाद में 16 साल के एक मरीज के ब्लैक फ़ंगस से ग्रस्त होने का मामला सामने आया है. राहत की बात ये है कि किशोर ने इस खतरनाक बीमारी को मात दे दी है. अहमदाबाद के ऐपल चिल्ड्रेन अस्पताल में बच्चे के दांत, जबड़े, नाक-साइनस हिस्से में फैला ब्लैक फंगस ऑपरेशन के बाद निकाला गया. म्यूकरमाइकोसिस जल्दी डिटेक्ट होने से फंगस का फैलाव ज्यादा नहीं था. अस्पताल के मुताबिक यह मरीज 13 अप्रैल को गंभीर कोविड निमोनिया के साथ भर्ती हुआ था, करीब 10 दिन बाद वो रिकवर होकर डिस्चार्ज हो गया.
किशोर में अस्पताल से घर जाने के एक हफ़्ते बाद इसमें म्यूकरमाइकोसिस के लक्षण आने लगे. परिजनों ने तुरंत अस्पताल से संपर्क साधा और इलाज की प्रक्रिया शुरू हो सकी. फंगस की स्थिति देखने के बाद अस्पताल ने तय किया उसका ऑपशेन किया जाएगा. फिलहाल किशोर पूरी तरह स्वस्थ बताया जा रहा है और जल्द ही उसे अस्पताल से जल्द ही उसे डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा.
इलाज कर रहे चिल्ड्रेन अस्पताल के डॉक्टर पार्थ शाह ने बताया कि हमारे अस्पताल में 16 साल के बच्चे को कोरोना निमोनिया के इलाज के लिए भर्ती किया गया था. उसे इलाज के दौरान स्टेरॉइड दिए गए थे और तबियत बेहतर होने पर छुट्टी दे दी गई थी लेकिन 7 दिन बाद म्यूकरमाइकोसिस की पुष्टि हुई. उन्होंने बताया कि उसका इलाज चल रहा है और अभी वो बेहत है. उन्होंने बताया कि अगले 2 से 3 दिनों में उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.