कोविड की दूसरी लहर की दिनों-दिन गहराती चिंता को देखते हुए केंद्र सरकार ने व्यापारियों को जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स में कई पहलुओं पर राहत देने की घोषणा की है. शनिवार को एक घोषणा कर बताया गया कि मार्च और अप्रैल की रिटर्न फाइलिंग में देर होने की स्थिति में लगने वाले जुर्माने सहित ब्याज दर में कटौती की गई है. कोविड संकट को देखते हुए जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी, जिसमें जीएसटी फाइलिंग को लेकर कई राहत देने का फैसला किया गया है.
काउंसिल की सलाह के आधार पर सरकार ने कुछ विशेष वैधानिक कार्यवाही पूरी करने के लिए संबंधित अथॉरिटीज़ को अतिरिक्त समय दिया है. इन कार्यवााहियों को पूरा करने के लिए 15 अप्रैल से 30 मई तक का वक्त था, जिसे बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया है.
ब्याज दर में हुई कटौती
नए आदेश के मुताबिक, पांच करोड़ के सेल वाले व्यापारियों को मार्च और अप्रैल के लिए ड्यू डेट के अगले 15 दिनों तक देरी से ट्रांजैक्शन की फाइलिंग करते वक्त कोई ब्याज नहीं देना होगा. इसके अगले 15 दिनों तक 9 फीसदी सालाना की दर से ब्याज लगेगा, फिर उसके अगले दिन तक ब्याज दर 18 फीसदी सालाना की दर से लगेगी.
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पहले 15 दिनों तक कोई ब्याज दर नहीं, फिर उसके अगले 15 दिनों में 9 फीसदी के दर से लगने वाले ब्याज की यह राहत ऐसे छोटे व्यापारियों को भी दी गई है, जो तिमाही पर रिटर्न फाइल करते हैं और इस बार मार्च, 2021 तिमाही का रिटर्न फाइल कर रहे हैं.
लेट फीस में दी गई राहत
मार्च और अप्रैल महीने के लिए लेट फीस में भी राहत दी गई है. पांच करोड़ तक की सेल्स रखने वाले व्यापारियों को ड्यू डेट से अगले एक महीने तक लेट फीस नहीं देनी होगी. वहीं, इससे ज्यादा बड़े व्यापारियों को ड्यू डेट से 15 दिनों तक लेट फीस से राहत मिली है.
तिमाही रिटर्न फाइल करने वाले छोटे व्यापारियों को मार्च तिमाही के लिए ड्यू डेट से अगले 30 दिनों तक जुर्माने में छूट दी गई है. इन्हें वित्त वर्ष 2021 के लिए अपना सालाना रिटर्न फाइल करने के लिए एक महीना बढ़ाकर मई के अंत तक का वक्त दिया गया है.