केंद्र सरकार ने नए साल पर फिलहाल कपड़ा व्यापारियों को राहत दी है लेकिन जूते-चप्पल के कारोबार पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की बढ़ी दरें लागू होंगी. सरकार के इस फैसले के बाद कपड़े महंगे नहीं होंगे लेकिन जूते चप्पल महंगे हो सकते हैं. हालांकि जूते चप्पल पर GST बढ़ाने का कई राज्यों ने विरोध किया था. दिल्ली के विज्ञान भवन में शुक्रवार को 46वीं GST काउंसिल की बैठक हुई. करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद जब राज्यों के मंत्री बाहर निकले तो उनके पास व्यापारियों और लोगों को राहत देने वाली खबर थी.
राजस्थान के कैबिनेट मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा, 'देखिए कपड़े पर फिलहाल जीएसटी नहीं बढ़ेगी. उस पर अगली बैठक में विचार किया जाएगा वेकिन जूते चप्पल पर GST, एक तारीख से लगना शुरू हो जाएगा. हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि कपड़े पर GST बढ़ाने के विषय पर ही इस बैठक में चर्चा हुई, जूते-चप्पल पर GST बढ़ाने के मामले पर कोई चर्चा ही नहीं की गई. उन्होंने कहा कि कपड़े पर GST बढ़ाने का मामला छोटे कारोबारियों से लेकर उपभोक्ताओं तक को प्रभावित करने वाला है, इसलिए इस पर GST को लेकर राज्यों के साथ काफी विस्तार से चर्चा हो रही है
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'सितंबर में जीएसटी बढ़ाने का जब फैसला लिया गया तो ये कोई हमारा अकेले का फैसला नहीं था. सभी के साथ विचार किया गया था लेकिन अब इसे कमेटी के पास भेजा गया है जो फरवरी के अंत या मार्च के पहले सप्ताह में रिपोर्ट देगी फिर बैठक में चर्चा होगी.'सरकार के इस फैसले से कपड़े से जुड़े कारोबारियों को कुछ समय के लिए राहत मिल गई है लेकिन जूते-चप्पल के छोटे और मझोले कारोबारी इससे निराश हैं.