93वें स्थापना दिवस पर ब्रह्मपुत्र के ऊपर भव्य फ्लाई पास्ट, आसमान में गरजे वायुसेना के लड़ाकू विमान

गुवाहाटी में आयोजित कार्यक्रम में दर्शकों की तालियों और जयकारों के बीच भारतीय वायुसेना के तेजस और राफेल जैसे लड़ाकू विमानों ने अपनी निपुणता और सामरिक क्षमता का जबरदस्त प्रदर्शन किया.

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  • गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर भारतीय वायुसेना के 93वें स्थापना दिवस पर भव्य फ्लाई पास्ट का आयोजन हुआ.
  • तेजस, राफेल, सुखोई और अन्य लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों ने हवाई फॉर्मेशन में सामरिक कौशल का प्रदर्शन किया.
  • फ्लाई पास्ट में ऑपरेशन सिंदूर में भाग लेने वाले विमानों की विशेष फॉर्मेशन ने भी शानदार प्रदर्शन किया.
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नई दिल्‍ली :

भारतीय वायुसेना के 93वें स्थापना दिवस समारोह के तहत गुवाहाटी में रविवार को ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर भव्य फ्लाई पास्ट हुआ. वायुसेना के फ्लाई पास्ट में तेजस और राफेल सहित कई विमान आसमान में गर्जना करते दिखाई दिए. लड़ाकू विमानों की इस गर्जना व जांबाजी से यहां मौजूद दर्शक मंत्रमुग्ध रह गए. इस शानदार फ्लाईपास्ट ने उपस्थित जनसमूह को रोमांचित कर दिया.

लाचित घाट, गुवाहाटी में आयोजित इस कार्यक्रम में दर्शकों की तालियों और जयकारों के बीच भारतीय वायुसेना के तेजस और राफेल जैसे लड़ाकू विमानों ने अपनी निपुणता और सामरिक क्षमता का जबरदस्त प्रदर्शन किया. वहीं, सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम ने हवाई करतब से सबका ध्यान खींचा. इस कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह मौजूद रहे. यहां वायुसेना के अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान शामिल रहे. 'ऑपरेशन सिंदूर' में भाग लेने वाले विमानों की एक विशेष फॉर्मेशन भी शामिल थी. इसने आसमान में शानदार प्रदर्शन किया.

Photo Credit: PTI

वायुसेना की 93 वर्षों की अदम्य निष्ठा और राष्ट्र सेवा को समर्पित इस अवसर पर करीब 58 विमानों ने भाग लिया, जिनमें विभिन्न प्रकार के हवाई फॉर्मेशन का प्रदर्शन किया गया. इसमें लड़ाकू विमानों के साथ परिवहन विमान व हेलीकॉप्टर भी शामिल थे.

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वायुसेना के मुताबिक, यह फ्लाई पास्ट वायुसेना दिवस समारोह का हिस्सा था. वायुसेना दिवस समारोह की परेड का आयोजन 8 अक्टूबर को हिंडन वायुसेना स्टेशन (गाजियाबाद) में किया गया था. इसके एक महीने बाद अब फ्लाई पास्ट का आयोजन रविवार को गुवाहाटी में हुआ है. वायुसेना के इन विमानों ने तेजपुर, हासीमारा, गुवाहाटी और आसपास के वायुसेना अड्डों से उड़ान भरी. फ्लाई पास्ट में भाग लेने वाले विमान और हेलिकॉप्टरों में तेजस, राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, जगुआर, सी-17, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, सी-295, एएन-32, आईएल-78, एईडब्ल्यूएंडसी, एमआई-17, अपाचे और एएलएच एमके-1 विमान व हेलीकॉप्टर शामिल थे.

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बता दें कि इससे पहले 8 अक्टूबर को गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर 93वां वायुसेना दिवस समारोह आयोजित किया गया था. उस कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख के साथ-साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, थलसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख भी शामिल हुए थे. समारोह में परेड की समीक्षा वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने की थी. इस अवसर पर वायुसेना के पूर्व प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उपस्थिति दर्ज कराई थी.

हमारे वायुवीरों ने हर युग में इतिहास रचा: वायुसेना प्रमुख

गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा था कि भारतीय वायुसेना आज तकनीक, कौशल और क्षमता तीनों में अग्रणी है. उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि मैं ऐसी वायुसेना का हिस्सा हूं जो न केवल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है बल्कि साहस और समर्पण में भी अतुलनीय है. हमारे वायुवीरों ने हर युग में इतिहास रचा है. 1948, 1965, 1971, और 1999 के युद्ध हों या फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक और हालिया ऑपरेशन सिंदूर, हर बार भारतीय वायुसेना ने देश की रक्षा और सम्मान की नई मिसाल कायम की है.”

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यहां हिंडन एयरबेस पर हेरिटेज विमानों द्वारा शानदार प्रदर्शन किया गया था. तीनों सेनाओं के मार्चिंग दस्ते ने प्रदर्शन किया था. वायुसेना सेना के परेड दस्ते ने कदम ताल करते हुए सबका ध्यान आकर्षित किया. वहीं, एयर चीफ मार्शल सिंह ने अपने संबोधन में कहा था, “हम न केवल आसमान के रक्षक हैं, बल्कि राष्ट्र के सम्मान के संरक्षक भी हैं.”

हर वायु योद्धा का योगदान अमूल्य: वायुसेना प्रमुख

उन्होंने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय वायुसेना की निर्णायक कार्रवाई ने भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत किया. यह ऑपरेशन इस बात का प्रमाण है कि समर्पण, नियमित अभ्यास और प्रशिक्षण के जरिए कितनी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं.

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वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हर स्तर पर नेतृत्व अग्रिम मोर्चे से किया जा रहा है, और यही भारतीय वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा, “हम सब मिलकर इस वायुसेना को बनाते हैं. हर वायु योद्धा का योगदान अमूल्य है. चाहे शांति का समय हो या युद्ध का, हर एक का कार्य उतना ही महत्वपूर्ण है.”

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