रेस्तरां और होटलों के लिए क्या राहत लेकर आएगा सरकार का पैकेज? क्या है होटल मालिकों का कहना

वित्त मंत्री ने इस सेक्टर को पैकेज देने का ऐलान किया है लेकिन होटल और रेस्टोरेंट के लोग कहते हैं पहले से कर्ज में डूबे लोगों को फिर कर्जा देने की ये कोशिश है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कोविड की दूसरी लहर के दौरान सबसे ज्यादा मार होटल और रेस्टोरेंट पर पड़ी. CMIE के आंकड़े बताते हैं कि इस सेक्टर में करीब 35 लाख की नौकरी गई और 90 बिलियन का नुकसान हुआ. हालांकि, वित्त मंत्री ने इस सेक्टर को पैकेज देने का ऐलान किया है लेकिन होटल और रेस्टोरेंट के लोग कहते हैं पहले से कर्ज में डूबे लोगों को फिर कर्जा देने की ये कोशिश है.

नोएडा के सेक्टर 18 स्थित एक रेस्टोरेंट ढ़ाई महीने बाद खुला है. फ्रिज से लेकर चूल्हा तक, लाइटिंग से लेकर रंग रोगन तक सब दोबारा हो रहा है. रेस्टोरेंट से आमदनी होने के बजाए उसके मालिक पुनीत पर करीब दो महीने का किराया 12 लाख रुपए और तीन लाख रुपए कॉमन मेंटेनेंस चार्ज का कर्जा चढ़ गया है. ऊपर से इस रेस्टोरेंट को शुरु करने के लिए 4-5 लाख रुपए के खराब हो गए सामान अलग से खरीदना पड़ रहा है. 
वो सरकार के राहत पैकेज को मजाक बता रहे हैं.

रेस्तरां के मालिक पुनीत का कहना है, सरकार पैकेज दे रही है, इससे हमें क्या फायदा है? वो लोन दे रहे हैं. RBI के केस में नब्बे दिन का क्रेडिट देखते हैं वो हमारी फाइल देखकर ही रिजेक्ट कर देंगे. इसका क्या फायदा है.

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नोएडा सेक्टर 18 में 30 से ज्यादा रेस्टोरेंट, बार और पब हैं. जहां करीब दो हजार से ज्यादा लोग काम कर रहे थे लेकिन फिलहाल ज्यादातर बंद हैं या जो खुले हैं उनमें लोग नहीं जा रहे हैं. पास मे स्थित मॉल के भी ज्यादातर रेस्टोरेंट और क्लब बंद पड़े हैं. यहीं पर गोवा टीटो क्लब है. लेकिन काफी दिनो से बंद पड़ा है.

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टीटू क्लब के मालिक नीरज दीक्षित का कनॉट प्लेस में मास्टर आफ माल्ट्स भी है. दोनों क्लब फिलहाल बंद पड़े हैं. पहला लॉकडाउन खुलने के बाद तीस लाख रुपए लगाकर कनॉट प्लास का बार खोला था. लेकिन दूसरे लॉकडाउन के बाद अब वो लाखों के कर्जदार हो गए हैं और इनके साथ काम करने वाले करीब ढ़ाई सौ लोग बेरोजगार हैं.

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नीरज दीक्षित का कहना है, ये पैकेज धूल झोंकने वाला है. ये दुनिया को दिखाने के लिए हैं कि हमने पैकेज दे दिया. ये एक तरह का लोन है, जिसकी वहीं औपचारिकताएं है जैसे एक लोन की लिए पेपर दिखाने पड़ते हैं. इससे कुछ नहीं बोने वाला है.

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हालांकि, सरकार ने हॉस्पिटलिटी सेक्टर को राहत पैकेज दिया है, जिसके तहत 1-10 लाख रुपए तक का लोन बिना शर्त दिया जाएगा. लेकिन उसके बावजूद The Fedretion of Hotel & Restaurant Association of India का कहना है कि उनकी मुख्य तीन डिमांड थी, जिन पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया.

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फिलहाल सरकार के इस ऐलान से होटल और रेस्टोरेंट के मालिकों में बहुत ज्यादा उत्साह नहीं है. ऊपर से कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका और कई राज्यों में शनिवार-रविवार को लॉकडाउन होने की वजह से होटल रेस्तरां इंडस्ट्री में निराशा ही है.

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