यूक्रेन संकट के बीच LIC के IPO को टाल सकती है सरकार : विशेषज्ञ

सरकार इसी महीने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 60,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

बाजार विशेषज्ञों ने रविवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सरकार एलआईसी की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है, क्योंकि मौजूदा हालात में निर्गम को लेकर फंड प्रबंधकों की दिलचस्पी कम हुई है. सरकार इसी महीने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 60,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था. इस आईपीओ से चालू वित्त वर्ष के लिए 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलने की भी उम्मीद थी.

आशिका समूह के खुदरा इक्विटी शोध प्रमुख अरिजीत मालाकार ने कहा, ‘रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के चलते मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य वैश्विक इक्विटी बाजारों पर दबाव डाल रहा है. भारतीय बाजारों ने भी इस पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है और अब तक अपने उच्चतम स्तर से लगभग 11 प्रतिशत टूट चुका है.'

उन्होंने कहा, ‘ऐसे में बाजार की मौजूदा अस्थिरता एलआईसी के आईपीओ के लिए अनुकूल नहीं है और सरकार इस निर्गम को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है.'

रिसर्च इक्विटीमास्टर की सह-प्रमुख तनुश्री बनर्जी ने कहा कि बाजार की कमजोर धारणा एलआईसी आईपीओ के लिए निराशाजनक है. ऐसे में इस आईपीओ के स्थगित होने की आशंका है. 

अपसाइड एआई के सह-संस्थापक अतनु अग्रवाल ने कहा कि व्यापक अनिश्चितता की स्थिति में उभरते बाजारों में हमेशा बिकवाली देखने को मिलती है. इसका मतलब है कि घरेलू बाजारों में नकदी कम हो रही है.

ट्रेडस्मार्ट के अध्यक्ष विजय सिंघानिया ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार के लिए आईपीओ को कुछ महीनों के लिए टालना कोई बड़ी बात नहीं है. हालांकि इससे वित्त वर्ष 2021-22 के बजट आंकड़े कुछ बिगड़ जाएंगे.

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi IIC में मनाया जाएगा 20वां वार्षिक समारोह, आजादी की थीम पर होगा कार्यक्रम
Topics mentioned in this article