गाजीपुर बार्डर पर बुधवार को आगे कि रणनीति के लिए किसानों की पंचायत हुई. भारतीय किसान यूनियन ने मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता की अपील की. बता दें कि मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बीते दिनों बागपत में किसानों का समर्थन करते कहा था कि किसानों को दिल्ली से खाली हाथ सरकार को नहीं भेजना चाहिए एमएसपी (MSP) को कानूनी दायरे में लाना चाहिए. इस बीच, हजारों किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर नगाड़ों और ताशों के बीच होली मनाया. पंचायत से पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा के सैकड़ों किसानों ने गीत संगीत के जरिए तीन महीने से आंदोलन कर रहे किसानों के उत्साह को बढ़ाया.
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बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत अपने सैकड़ों समर्थकों समेत गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. यहां धरने पर बैठे किसानों से मुलाकात कर मेघालय के राज्यपाल और बीजेपी नेता सत्यपाल मलिक की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से उन्हें मध्यस्थता करनी चाहिए. किसान उनकी बात जरूर मानेंगे. नरेश टिकैत ने आगे कहा, “सत्यपाल मलिक किसान परिवार से आते हैं, उनकी समाज में बहुत प्रतिष्ठा है, उनको किसानों से बातचीत करने आगे आना चाहिए.”
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वहीं, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, “किसान और जवानों को जिस देश में दबाया जाता है उस देश को कोई नहीं बचा सकता है” बता दें कि, गेंहू की कटाई और तीखी गर्मी के बावजूद किसान दिल्ली के बार्डर पर कृषि कानून के खिलाफ डटे हुए हैं. सरकार के साथ किसानों की डेढ़ महीने से कोई बातचीत भी नहीं हुई है. अब किसानों का कहना है कि वो 26 मार्च को देशभर में चक्का जाम करके अपनी ताकत का एहसास कराएंगे.
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