'मेक इन इंडिया' के लिए सरकार का बड़ा फैसला, लैपटॉप-टैबलेट के आयात पर लगाया 'अंकुश'

अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि एक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिये खरीदे गए, डाक या कूरियर से मंगाए जाने वाले उत्पाद पर आयात लाइसेंस की अनिवार्यता की छूट रहेगी.

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केंद्र ने लैपटॉप और टैबलेट के आयात पर लगाया अंकुश
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत अब लैपटॉप-टैबलेट जैसे उपकरणों के आयात से पहले कुछ नियमों का पालन करना होगा. सरकार द्वारा लगाए गए 'अंकुश' का मतलब है कि अब इन वस्तुओं के आयात के लिए पहले लाइसेंस या सरकार से अनुमति लेनी होगी. 

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में कहा कि शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग, मूल्यांकन, मरम्मत तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी. सरकार का कहना है कि उनके इस फैसले से चीन जैसे देशों से आयात में कमी आएगी और अगर इन चीजों का उत्पादन देश के अंदर हुआ तो इससे दो फायदे होंगे. एक फायदा तो ये होगा कि उत्पादन देश के अंदर ही होने से यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा और दूसरा इससे जीडीपी को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी. 

केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा है कि लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से 'अंकुश' की श्रेणी में डाल दिया गया है. इस अधिसूचना में कहा गया है कि सूक्ष्म कंप्यूटर, बड़े कंप्यूटर और कुछ डाटा प्रोसेसिंग मशीनों को भी आयात अंकुश की श्रेणी में रखा गया है. इसमें कहा गया कि वैध लाइसेंस होने पर इन उत्पादों के आयात की अनुमति दी जाएगी. हालांकि, ये अंकुश बैगेज नियम के तहत लागू नहीं होंगे.

अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि एक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिये खरीदे गए, डाक या कूरियर से मंगाए जाने वाले उत्पाद पर आयात लाइसेंस की अनिवार्यता की छूट रहेगी. ऐसे मामलों में लागू शुल्क का भुगतान कर आयात किया जा सकता है. 

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