कांग्रेस ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिस के कथित बल प्रयोग की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत किसानों की सभी मांगें स्वीकार करनी चाहिए. पार्टी के प्रकोष्ठ अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के प्रमुख सुखपाल सिंह खैरा ने आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार ने किसानों के वादाखिलाफी की है.
खैरा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार ने किसान संगठनों से वादा किया था कि एमएसपी को कानूनी गारंटी देंगे, तीनों काले कृषि कानून रद्द होंगे, किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस होंगे, शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा व बच्चों को नौकरी देंगे, बिजली संशोधन विधेयक वापस लेंगे.''
उन्होंने दावा किया, ‘‘दो साल से ज्यादा होने पर भी मोदी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए. ऐसे में किसानों-खेत मजदूरों के पास दिल्ली कूच के सिवाए क्या रास्ता बचा था.'' खैरा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के इशारे पर हरियाणा सरकार की पुलिस पंजाब में घुसकर किसानों से मारपीट कर रही है.
उन्होंने सवाल किया, ‘‘भाजपा सरकार के मंत्री कहते हैं कि बातचीत करके मसला हल होगा. जब बातचीत से मामला हल होना था, तो 3 साल तक किसानों से क्यों बात नहीं की गई? सरकार अरबपतियों का लाखों-करोड़ों का कर्ज माफ कर सकती है, लेकिन किसानों का कर्ज क्यों माफ नहीं करती?''
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि वो किसानों की इन मांगों को पूरा करे. एमएसपी को लेकर एक कानून बनाया जाए, किसानों के कर्ज की समीक्षा हो और उसे माफ किया जाए. पिछले आंदोलन में किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं, बिजली संशोधन विधेयक वापस लिया जाए या उसकी समीक्षा की जाए, पिछले आंदोलन में शहीद किसानों के परिवार को मुआवजा मिले और किसी एक (परिजन) को सरकारी नौकरी दी जाए.'' खैरा ने कहा कि इस बार के आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मोर्चा को दिल्ली आने दिया जाए.