सरकार कानून से चलती है, व्यक्ति विशेष से नहीं: लालू के मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने कहा

झारखंड उच्च न्यायालय ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को उच्चाधिकारियों से विचार-विमर्श के बिना रिम्स निदेशक के केली बंगले में स्थानांतरित करने पर शुक्रवार को अधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी और कहा कि सरकार कानून से चलती है, किसी व्यक्ति विशेष से नहीं.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
रांची:

झारखंड उच्च न्यायालय ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को उच्चाधिकारियों से विचार-विमर्श के बिना रिम्स निदेशक के केली बंगले में स्थानांतरित करने पर शुक्रवार को अधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी और कहा कि सरकार कानून से चलती है, किसी व्यक्ति विशेष से नहीं.लालू द्वारा जेल नियमावली उल्लंघन के मामले में सुनवाई कर रही झारखंड उच्च न्यायालय की पीठ ने चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श के बिना ही निदेशक के बंगले में स्थानांतरित किए जाने पर कड़ी नाराजगी जतायी और कहा, ‘‘सरकार कानून से चलती है, व्यक्ति विशेष से नहीं.

संक्रमण का खतरा होने पर रिम्स प्रबंधन को पहले इसकी जानकारी किसी भी माध्यम से जेल अधिकारियों को देनी चाहिए थी. इसके बाद जेल अधिकारी लालू प्रसाद को पेइंग वार्ड से स्थानांतरित करने के लिए रिम्स में ही या फिर अन्य वैकल्पिक स्थान का चयन करते.'' न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने नाराजगी जताते हुए पूछा, ‘‘रिम्स प्रबंधन ने लालू को निदेशक के बंगले में स्थानांतरित करने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई?'' उसने ने कहा, ‘‘रिम्स प्रबंधन ने अपने हलफनामे में यह स्पष्ट नहीं किया कि लालू प्रसाद को निदेशक के बंगले में स्थानांतरित करने के पहले और कौन से विकल्पों पर विचार किया गया था और निदेशक के बंगले को ही क्यों चुना गया? रिम्स निदेशक को कुछ और विकल्पों पर गौर करते हुए नियमों और प्रावधानों के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए था.''

सुनवाई के दौरान जेल महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने भी शुक्रवार को इस मामले में रिपोर्ट पेश की. सरकार ने बताया कि संक्रमण के मद्देनजर रिम्स प्रबंधन ने इससे बचाव के लिए लालू प्रसाद को निदेशक के बंगले में स्थानांतरित किया. अदालत को बताया गया कि जेल से बाहर इलाज के लिए यदि कैदी स्थानांतरित किए जाते हैं तो उनकी सुरक्षा कैसे होगी और उनके लिए क्या व्यवस्था होगी, इसका स्पष्ट प्रावधान जेल नियमावली में नहीं है. सरकार अब जेल नियमावली में बदलाव कर रही है और इन परिस्थितियों के लिए एक एसओपी तैयार की जा रही है. इस पर पीठ ने सरकार से 22 जनवरी तक जेल नियमावली में बदलाव करने और अद्यतन एसओपी की जानकारी देने को कहा है. साथ ही जेल आइजी और रिम्स प्रबंधन से भी रिपोर्ट तलब की है. लालू फिलहाल चारा घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में रिम्स में इलाजरत हैं. 
 

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Weather Update: उत्तराखंड के चमोली में बढ़ती ठंड से जम गए झरने
Topics mentioned in this article