'आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत कैदियों की सजा में विशेष छूट देने की योजना बना रही सरकार

गृह मंत्रालय ने बताया कि यह योजना उन कैदियों पर लागू नहीं होगी, जिन्हें मौत या आजीवान कारावास की सजा दी गई है, या जिन पर बलात्कार, आतंकवाद, दहेज हत्या और धन शोधन के आरोप लगाए गए हैं. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
कैदियों की सजा में विशेष छूट की तैयारी में सरकार

सरकार 50 साल से अधिक आयु की उन महिला एवं ट्रांसजेंडर कैदियों की सजा चरणबद्ध तरीके से कम करने की योजना बना रही है, जिनका व्यवहार अच्छा है. गृह मंत्रालय ने बताया कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव' मनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के तहत यह कदम उठाया जाएगा. सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु के उन पुरुष कैदियों और दिव्यांग बंदियों को भी इस योजना का लाभ देगी, जिन्होंने अपनी आधी से अधिक सजा पूरी कर ली है, जो गरीब या जरूरतमंद कैदी सजा पूरी कर चुके हैं, लेकिन धन के अभाव में जुर्माना नहीं भर पाने के कारण अब भी जेल में हैं, उन्हें भी जुर्माने से छूट का लाभ दिया जाएगा. 

गृह मंत्रालय ने बताया कि यह योजना उन कैदियों पर लागू नहीं होगी, जिन्हें मौत या आजीवान कारावास की सजा दी गई है, या जिन पर बलात्कार, आतंकवाद, दहेज हत्या और धन शोधन के आरोप लगाए गए हैं. 

विस्फोटक अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और अपहरण विरोधी अधिनियम के तहत दोषी ठहराए गए लोगों के अलावा मानव तस्करी के लिए दोषी ठहराए गए कैदियों को भी यह छूट नहीं दी जाएगी.

Advertisement

वर्ष 2020 के एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार, भारत के कारागारों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। देश के कारागारों में 4.03 लाख कैदियों को रखने क्षमता है, जबकि इस समय कारागारों में लगभग 4.78 लाख कैदी हैं, जिनमें करीब एक लाख महिलाएं हैं. 

Advertisement

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि इन पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले कैदियों को तीन चरणों में 15 अगस्त, 2022, 26 जनवरी, 2023 और 15 अगस्त, 2023 को रिहा किया जाएगा. 

Advertisement

मंत्रालय ने कहा है कि 50 साल या उससे अधिक आयु की महिला एवं ट्रांसजेंडर कैदियों, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुष कैदियों, 70 प्रतिशत या उससे अधिक अक्षमता वाले दिव्यांगों को स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के तहत चलाई जा रही योजना के तहत रिहा किया जा सकता है, बशर्ते वे आधी सजा काट चुके हों और उनका व्यवहार अच्छा हो।

Advertisement

इसमें कहा गया है कि नागरिक प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की राज्य स्तरीय समिति द्वारा गहन जांच किए जाने के बाद कैदियों को रिहा करने पर विचार किया जाना चाहिए।

मंत्रालय ने कहा कि अपनी आधी सजा काट चुके जिन व्यक्तियों ने 18 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के दौरान अपराध किया है और उनके खिलाफ कोई अन्य आपराधिक मामला नहीं है, उन्हें भी विशेष छूट देने पर विचार किया जाएगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Maharashtra New CM: महायुति सरकार में किसे क्या मिलेगा, सामने आया Formula!