"राजधानी दिल्ली पर पूरे देश का हक, भारत सरकार को कानून बनाने का अधिकार": BJP सांसद 

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि बीमारी AAP ने पैदा की है, इलाज़ हमारे हाथ में है और इलाज़ यही है. जिन लोगों का ये अवैध तरीके से ट्रांसफर कर रहे थे, धमका रहे थे, ये नहीं चलेगा.

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केंद्रीय मंत्री मिनाक्षी लेखी.
नई दिल्ली:

'दिल्ली सेवा बिल' को लेकर इन दिनों सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार देखने को मिल रही है. मंगलवार को लोकसभा में इसे पेश करने के दौरान काफी गहमागहमी रही. केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और दिल्ली से लोकसभा सांसद मिनाक्षी लेखी ने दिल्ली सेवा बिल पर एनडीटीवी से कहा कि भारत सरकार के पास ये कानून बनाने का अधिकार है, क्योंकि भारत एक फेडरल स्टेट है और भारत सरकार की प्राइमेसी को कोई चैलेंज नहीं कर सकता है.

लेखी ने कहा कि जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा को कोर्ट ने कहा कि नियम, कानून और विधायिका इस पर साइलेंट है. केंद्र चाहे तो नियम बना सकता है. उस बात को सामने रखते हुए ये विधेयक लाया गया है.

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि AAP ने कहा है कि ये बिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आठ दिन के अंदर लाया गया. हम तो ये कहेंगे कि जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया, जो लोग उनके भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ जांच कर रहे थे. AAP सरकार ने उनके तबादले करने शुरू कर दिए, जिससे जांच आगे ना बढ़ सके.

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उन्होंने कहा कि बीमारी AAP ने पैदा की है, इलाज़ हमारे हाथ में है और इलाज़ यही है जिन लोगों का ये अवैध तरीके से ट्रांसफर कर रहे थे, धमका रहे थे. चीफ सेक्रेटरी की पिटाई कर चुके हैं. इस तरह की गुंडागर्दी नहीं चलेगी. दिल्ली भारत की राजधानी है, इस पर पूरे देश का हक है. G20 भी सिर पर है.

दिल्ली को लेकर लोकसभा में इंट्रोड्यूस किए गए बिल पर दिल्ली से ही बीजेपी के एक और सांसद रमेश विधुड़ी ने कहा कि ये लोग संविधान तो पढ़ते ही नहीं हैं. ये बिल कहीं से असंवैधानिक नहीं है. क्या 26 जनवरी को धरना देना असंवैधानिक नहीं था, क्या बच्चों की कसम खाकर कांग्रेस से समर्थन लेना संवैधानिक था.

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उन्होंने कहा कि शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट का कुछ और फैसला था, बाद में संसद में कांग्रेस ने बदल दिया. गरीबों के लिए घर नहीं बनाया और 45 करोड़ का अपने लिए शीश महल बनवा लिया. बिल पर सुप्रीम कोर्ट ने एडवाइज किया है, केंद्र सरकार चाहे तो कानून बना दे. सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कोई फैसला नहीं है. राज्य का अफसर मंत्री के ऊपर नहीं होगा. यह केवल अपने हिसाब से चीजें करना चाह रहे हैं.

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रमेश विधुड़ी ने कहा कि 'ना खाता ना बही केजरीवाल जो कहे वह सही' यह कैसे हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कोई ऐसा फैसला नहीं दिया है, सुप्रीम कोर्ट ने बस एडवाइज दी है. ये दबाव बनाकर अफसरों से गलत काम करवाते हैं. जो लोग देश के हित में हैं, वह इस बिल को पास करवा देंगे. वो कभी भी घोटाला करने वालों का साथ नही देंगे.

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