केंद्र ने प्रशासन और सांसदों व विधायकों के आधिकारिक संपर्क के संबंध में समेकित दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि इसके उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा. एक आधिकारिक आदेश के अनुसार लोगों के मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों के रूप में- सांसदों और विधायकों का देश के लोकतांत्रिक ढांचे में महत्वपूर्ण स्थान है तथा अपने कर्तव्यों के तहत उनके लिए अक्सर भारत सरकार या राज्य सरकारों के मंत्रालयों/विभागों से जानकारी लेना या विचार किए जाने के लिए सुझाव देना या अधिकारियों से मिलना आवश्यक होता है.
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 2011 में प्रशासन और संसद सदस्यों एवं विधानसभाओं के सदस्यों के बीच आधिकारिक संपर्क में उचित प्रक्रिया के पालन के संबंध में व्यापक दिशानिर्देश जारी किए गए थे. ये दिशा-निर्देश सभी मंत्रालयों, विभागों और सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को जिला स्तर तक सभी अधिकारियों को भेजने के अनुरोध के साथ जारी किए गए थे, ताकि उन्हें सांसदों और विधायकों के साथ व्यवहार में अपने कर्तव्यों और दायित्वों को लेकर संवेदनशील बनाया जा सके.
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन निर्देशों को समय-समय पर दोहराया जाता रहा है ताकि सरकारी अधिकारियों द्वारा उनका अक्षरश: अनुपालन किया जा सके. आदेश में कहा गया है कि सांसदों के पत्रों के शीघ्र निपटारे के संबंध में केंद्रीय सचिवालय कार्यालय प्रक्रिया नियमावली के प्रावधानों को भी समय-समय पर दोहराया जाता रहा है. मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा शुरू किए गए किसी एक विषय पर विभिन्न दिशानिर्देशों को एक स्थान पर लाने की कवायद के तहत प्रशासन और सांसदों व विधायकों के बीच आधिकारिक संवाद संबंधी प्रक्रिया के पालन के मामले में जारी विभिन्न निर्देशों को समेकित किया गया है एवं इस विषय पर एक व्यापक कार्यालय ज्ञापन जारी करने का फैसला किया गया है.
आदेश में कहा गया है कि सभी मंत्रालयों व विभागों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाता है कि इन मूल सिद्धांतों और निर्देशों का सभी संबंधित अधिकारियों द्वारा पूर्णतया पालन किया जाए. केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों तथा सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को जारी आदेश में कहा गया है, “इस विषय पर निर्धारित दिशानिर्देशों के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा.” आदेश के अनुसार उचित आचरण नियमों का कोई भी उल्लंघन संबंधित सरकारी कर्मी को उचित दंड के लिए उत्तरदायी बनाएगा.