सरकार ने कंपनियों के गठन से संबंधित बदले नियम, जानें क्या हुए बदलाव

एक बार कंपनी का नाम बदल जाने के बाद, अधिनियम की धारा 12 का पालन करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए जो कंपनी के पंजीकरण से संबंधित है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.
नई दिल्ली:

सरकार ने कंपनी कानून, 2013 के तहत कंपनियों के गठन से संबंधित नियमों में बदलाव किये हैं जिसके तहत क्षेत्रीय निदेशकों के निर्देश का अनुपालन न करने वाली कंपनियों के नाम के साथ इस आशय का संकेत भी जुड़ जाएगा. बदलाव एक सितंबर से प्रभाव में आएंगे. अब, नए नियम में ‘ओआरडीएनसी' (क्षेत्रीय निदेशक के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया) का टैग उस कंपनी के नाम से जुड़ा होगा जो निर्दिष्ट अवधि के भीतर निर्देश का पालन नहीं करती है. अधिसूचना के अनुसार ऐसी कंपनियों के लिये ओआरडीएनसी, निर्देश जारी होने का वर्ष, कंपनी का सीरियल नंबर और मौजूदा कॉरपोरेट पहचान संख्या (सीआईएन) कंपनी का नया नाम बन जाएगा.  इसके अलावा, कंपनी पंजीयक कंपनियों के रजिस्टर में नए नाम को शामिल करेगा और गठन का एक नया प्रमाण पत्र जारी करेगा.

Reliance Industries का प्रॉफिट जून तिमाही में 7 फीसद घटा

मंत्रालय के अनुसार, एक बार कंपनी का नाम बदल जाने के बाद, अधिनियम की धारा 12 का पालन करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए जो कंपनी के पंजीकरण से संबंधित है. कंपनी नियमों का क्रियान्वयन कर रहा कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी (गठन) नियम, 2014 में संशोधन किया है. कानून की धारा 16 के तहत मौजूदा कंपनी को नया नाम आवंटित करने के संबंध में नियमों में बदलाव किये गये हैं.

बिना पेडल के चलने वाली Gozero Skellig Lite इलेक्ट्रिक साइकिल भारत में लॉन्च, जानें कीमत

धारा 16 कंपनी के नाम में सुधार से संबंधित है, जो कई शर्तों पर निर्भर है. इसमें यह भी शामिल है कि यदि किसी मौजूदा कंपनी के नाम के समान या उससे मिलती-जुलता कोई नाम है, तो सरकार संबंधित कंपनी का नाम बदलने का निर्देश दे सकती है. यदि ऐसा कोई निर्देश जारी किया जाता है, तो उसे संबंधित कंपनी को तीन महीने के भीतर लागू करना होगा.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Bitcoin Scam Case में Gaurav Mehta से फिर पूछताछ कर सकती है CBI | Top 10 National
Topics mentioned in this article