उत्तर प्रदेश को गंगा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के अलावा पूरा होने के बीच एक और बड़ा एक्सप्रेसवे शुरू होने वाला है, जो उसे सीधे हरियाणा से जोड़ेगा. गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल के लिए बड़ा वरदान माना जा रहा है. 747 किलोमीटर लंबा पानीपत-गोरखपुर एक्सप्रेसवे पूर्वांचल में गोरखपुर-बस्ती जोन के सौ से ज्यादा गांवों से होकर गुजरेगा. राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (NHAI) एक्सप्रेसवे के लिए गोरखपुर और बस्ती मंडल के 130 से ज्यादा गांवों में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू करने वाला है.
भूमि अधिग्रहण जल्द किया जाएगा
गोरखपुर के अलावा सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, संतकबीरनगर के गांवों की जमीन इस एक्सप्रेसवे के अधीन आएगी. अलाइनमेंट सर्वे और डीपीआर के बाद भूमि सर्वे का काम शुरू किया जा चुका है. जल्द ही भूमि अधिग्रहण प्रारंभ होगा. NHAI ने एक्सप्रेसवे की परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर फील्ड सर्वे, भूमि अधिग्रहण और इंजीनियरिंग डिजाइन जैसे काम शुरू कर दिया है. पहले यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से यूपी के शामली जिले तक ही प्रस्तावित था, लेकिन बाद में इसे पानीपत तक विस्तार दिया गया.
- 750 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे होगा
- हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 22 जिलों को जोड़ेगा
- एक्सप्रेस-वे 2029 से 2030 के बीच पूरा हो सकता है
- 4 से 6 लेन का ये एक्सप्रेसवे 8 लेन तक बढ़ सकेगा
- 2026 में इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू होगा
- यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा, पेड़ों की कटाई कम से कम
- 50 से 70 किमी के छोटे-छोटे खंड में एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा
पानीपत-गोरखपुर एक्सप्रेसवे में 22 जिले शामिल होंगे
गोरखपुर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराईच, फिर मध्य यूपी से गुजरते हुए लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, शाहजहाँपुर, आगे चलकर बदायूँ, रामपुर, बरेली, संभल, अमरोहा, मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर, मुज़फ्फरनगर, शामली, और फिर पानीपत में खत्म होगा.
ये भी पढ़ें- गंगा एक्सप्रेसवे के उद्घाटन पर गुड न्यूज, मेरठ से प्रयागराज तक 6 घंटे में फर्राटेदार सफर, 12 जिलों को फायदा
कई दूसरे एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा
गोरखपुर पानीपत एक्सप्रेसवे को सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफरल एक्सप्रेसवे से जोड़े जाने की योजना है. यूपी में पहले से 14 एक्सप्रेसवे के साथ यह नया एक्सप्रेसवे प्रदेश को नई रफ्तार देगा. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर और पंजाब के सड़क आवाजाही को बेहतर बनाएगा. गोरखपुर से हरिद्वार की यात्रा का वक्त भी सिर्फ 6-8 घंटे रह जाएगा.
- पहले चरण में ये एक्सप्रेसवे पानीपत से पुवायुं तक 450 किलोमीटर तक जाएगा
- दूसरे चरण में पुवायूं से गोरखपुर तक 300 किलोमीटर तक एक्सप्रेसवे बनेगा.
- 10 से 12 हजार करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना इस एक्सप्रेसवे पर
गोरखपुर, संतकबीर नगर से सिद्धार्थनगर तक फायदा
ये एक्सप्रेसवे गोरखपुर से निकलते हुए सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच जिले के साथ लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ से गुजरते हुए पानीपत जिले तक पहुंचेगा. संतकबीरनगर जिले में 20 किलोमीटर के एरिया से ये एक्सप्रेसवे गुजरेगा. फिर संतकबीरनगर और गोरखपुर जिले में 34 किलोमीटर का इलाका आएगा.
ये भी पढ़ें- दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे का उद्घाटन नए साल में, सहारनपुर जैसे यूपी के 6 जिले भी जुड़ेंगे, जानें पूरा रूट
गोरखपुर एक्सप्रेसवे का अलाइनमेंट तय किया जा रहा है और ये इस जिले के 46 गांव से एक्सप्रेसवे गुजरेगा. NHAI और जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण के लिए नोडल अधिकारियों की तैनाती करने वाला है. किसान और अन्य भूमि मालिकों को तय रेट पर मुआवजा देने के लिए कार्यवाही को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.
गोरखपुर पानीपत एक्सप्रेसवे में गोरखपुर शहर, कैंपियरगंज, सिद्धार्थनगर में बांसी, संतकबीरनगर में मेंहदावल और कुशीनगर जिले में हाटा के तमाम गांवों में जमीन ली जानी है. इसमें ठाकुरपुर, बंजारी, लक्ष्मीपुर, नयनसर, जंगल डुमरी, पचमोहनी, परसा, टिकर, खजुराकला, रमवापुर, अहिरौली जैसे गांव की जमीनें भी आएंगी. इससे इन गांवों की जमीनों की कीमतों में उछाल आने की संभावना है.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बाद पानीपत–गोरखपुर एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को बदलने वाला कदम माना जा रहा है. मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती और गोरखपुर जैसे जिलों को भी फायदा पहुंचेगा.
लखीमपुर खीरी के 64 गांवों को फायदा
पानीपत गोरखपुर एक्सप्रेस वे में लखीमपुर खीरी जिले की 3 तहसीलों के लगभग 64 गांव आ रहे हैं. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इन गांवों के सीमांकन को लेकर तैयारी तेज कर दी है. भू सत्यापन के बाद जमीन की जरूरत तय कर भू अधिग्रहण शुरू किया जाएगा. जिले में ये एक्सप्रेसवे मोहम्मदी में होगा और गोला गोकर्ण और लखीमपुर खीरी से गुजरेगा. इससे लखीमपुर जिले से दिल्ली और गोरखपुर फर्राटेदार सफर होगा. दिल्ली से लखीमपुर की यात्रा 10-12 की जगह 5-6 घंटे में पूरी होगी. अयोध्या, काशी, बस्ती, सिद्धार्थनगर, डुमरियागंज, जौनपुर, महराजगंज जैसे जिलों को भी इस एक्सप्रेसवे से फायदा होगा.













