सड़क पर सरपट चलने के लिए गूगल मैप (Google Map) एक बड़ा सहयोगी बनकर हाल के वर्षों में सामने आया. हाईस्पीड इंटरनेट (High speed internet) की सुविधा के बढ़ने के बाद दुनिया भर में गूगल मैप के भरोसे लोग दुर्गम जगहों तक भी पहुंचे हैं. कई ई कॉमर्स बिजनस और कैब सर्विस पूरी तरह से गूगल मैप पर निर्भर करता है. हालांकि इस राह में कई धोखे हैं. इस मुफ्त सर्विस ने लोगों को कभी-कभी ऐसे जगहों पर फंसाया है जहां से आगे रास्ते बंद हो जाते हैं. उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के फरीदपुर थाना क्षेत्र में गूगल मैप ने कार सवारों को एक निर्माणाधीन पुल के ऊपर पहुंचा दिया. बाढ़ के चलते पुल का अगला हिस्सा नदी में बह गया था, लेकिन जीपीएस नेविगेशन में यह जानकारी अपडेट नहीं की गई थी, जिससे पुल से गुजर रहे कार सवार नीचे नदी में गिर गए और बड़ा हादसा हो गया. इस घटना में 3 लोगों की मौत हो गयी.
कैसे करता है गूगल मैप काम?
- सैटेलाइट इमेजरी: गूगल मैप दुनिया की तस्वीरें लेने के लिए सेटेलाइट का उपयोग करता है. ये इमेज बेहद उच्च रिज़ॉल्यूशन की होती हैं और इनसे हम धरती पर किसी भी जगह को बेहद करीब से देख सकते हैं. आपके स्मार्टफोन में मौजूद जीपीएस आपके लोकेशन को ट्रैक करता है और इस डेटा को गूगल मैप को भेजता है. इसी डेटा की मदद से गूगल मैप आपको अपनी लोकेशन दिखाता है.
- यूजर जनरेटेड डेटा: जब आप गूगल मैप का उपयोग करते हैं तो आप भी डेटा जनरेट करते हैं. जैसे कि जब आप किसी जगह की रेटिंग देते हैं या कोई फोटो अपलोड करते हैं. यह डेटा गूगल मैप को और बेहतर बनाने में मदद करता है.
- मशीन लर्निंग: गूगल मैप मशीन लर्निंग का उपयोग करके डेटा का विश्लेषण करता है और पैटर्न को पहचानता है. उदाहरण के लिए, यह ट्रैफिक पैटर्न का विश्लेषण करके आपको सबसे अच्छा रास्ता बता सकता है. हालांकि मशीन लर्निंग की अपनी समस्या है. कई बार यह सही रास्ता बताने में असफल रह जाता है. जिस कारण लोग गलत जगहों पर भी पहुंच जाते हैं.
गूगल मैप पर कितना भरोसा करें?
गूगल मैप एक बेहद उपयोगी टूल है, लेकिन इस पर पूरी तरह भरोसा करना हमेशा सही नहीं होता. गूगल मैप हर समय अपडेट होता रहता है, लेकिन फिर भी कभी-कभी इसमें गलतियां हो सकती हैं. खासकर छोटी सड़कों या नए बने इलाकों में इससे परेशानी होती है. गूगल मैप ट्रैफिक की स्थिति दिखाता है, लेकिन यह हमेशा सटीक नहीं होता। खासकर अचानक होने वाले जाम या दुर्घटनाओं के मामले में यह बहुत अधिक सटिक नहीं होता है. जीपीएस सिग्नल और आपके स्मार्टफोन के इंटरनेट स्पीड से भी यह प्रभावित होता है. कभी-कभी गूगल मैप अधूरे पुल या खतरनाक रास्तों को भी दिखा सकता है। इसलिए हमेशा सावधानी बरतें और अपने आसपास के इलाके और रास्तों का जरूर ध्यान रखें.
कई लोग खा चुके हैं धोखा?
गूगल मैप ने जहां ड्राइविंग को बेहद आसान बना दिया है वहीं कई बार इसके बेहद नुकसान भी हुए हैं. दिल्ली में ऊबर कैब चलाने वाले मदन शाह को भी गूगल मैप कई बार धोखा दे चुका है. वह एक दिलचस्प वाकया बताते हैं कि छह महीने पहले की बात है वह बुलंदशहर में पहुंचे थे. केएमपी हाई से उतरे और उन्हें गौतम यूनिवर्सिटी वाले रास्ते से जेवर निकलना था. उन्होंने गूगल मैप लगाया हुआ था. गूगल मैप ने उन्हें एक ऐसी जगह छोड़ दिया कि वह हैरान रह गए. गूगल मैप बार बार रास्ता दिखा रहा था कि रास्ता क्रॉस करो, जबकि सामने तालाब था.उन्होंने किसी से पूछा तो पता चला कि रास्ता करीब दो किलोमीटर आगे है. शाह बताते हैं कि उस दिन अगर कोहरा होता तो उनके साथ न जाने क्या हो जाता. शाह बताते हैं कि हाल ही में वे एक राइड पर बिहार गए थे. कोहरा में गूगल मैप पर भरोसा करना बहुत रिस्की होता है.
कब गूगल मैप पर भरोसा किया जा सकता है?
- बड़ी सड़कों पर: बड़ी सड़कों पर गूगल मैप काफी सटीक होता है.
- अच्छे इंटरनेट कनेक्शन के साथ: अगर आपका इंटरनेट कनेक्शन अच्छा है तो गूगल मैप आपको बेहतर जानकारी देगा.
- सजग रहे सुरक्षित रहें: गूगल मैप की जानकारी को अन्य स्रोतों जैसे कि स्थानीय लोगों या अन्य मैपिंग ऐप्स से मिलान करने पर आप अधिक आश्वस्त हो सकते हैं. सजग रहे सुरक्षित रहें.
गूगल मैप ने तो गलत रास्ता बताया, लेकिन क्या हादसे के लिए सिर्फ मैप जिम्मेदार?
बरेली के फरीदपुर की घटना को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. गूगल मैप ने गलत रास्ता दिखाया यह घटना के लिए मुख्य तौर पर जिम्मेदार बताया जा सकता है. हालांकि सवाल उनके ऊपर भी उठ रहे हैं जिन्होंने अधूरे पुल को खुला छोड़ दिया था. स्थानीय प्रशासन की भी इसे लेकर जिम्मेदारी बनती है. सवाल निर्माण कंपनी पर भी उठ रहे हैं जिसने जरूरी सुरक्षा उपाय को नहीं अपनाया था. इस तरह की लापरवाही से काम करने वाले मजदूरों की जिंदगी भी खतरे में पड सकती थी.
सोशल मीडिया में भी लोग उठा रहे हैं सवाल
इस घटना के बाद से लोगो की तरफ से सोशल मीडिया में तरह-तरह के कमेंट सामने आ रहे हैं. यूजर्स की तरफ से लोगों से अपील की जा रही है कि वो गूगल मैप के भरोसे ही न चलें.
एक अन्य एक्स यूजर ने सवाल खड़ा करते हुए पोस्ट किया है कि Google Map ज्यादा खतरनाक है,या सरकारी भ्रष्टाचार.
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