Google ने Doodle बना देश की पहली मुस्लिम शिक्षिका को जयंती पर किया याद, जानें- कौन थीं फातिमा शेख?

फातिमा शेख घर-घर जाकर शिक्षा का संदेश फैलाती रहीं. हालांकि, उनके लिए यह काम आसान नहीं था. कई बार उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. लेकिन शेख और उनके सहयोगी डटे रहे.

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नई दिल्ली:

शिक्षा के प्रति अलख जगाने वालीं फातिमा शेख की आज जयंती है. उनका जन्म आज ही के दिन 1831 में पुणे में हुआ था. इस मौके पर Google ने डूडल (Doodle) बनाकर उनको सम्मानित किया है. फातिमा शेख को भारत की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका माना जाता है. फातिमा शेख ने महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के साथ साल 1848 में स्वदेशी पुस्तकालय की स्थापना की थी, जो कि लड़कियों के लिए भारत के पहले स्कूलों में से एक है. 

वह अपने भाई उस्मान के साथ पुणे में रहती थीं. इस दौरान निचले तबके के लोगों में शिक्षा का अलख जगाने का प्रयास किया. स्वदेशी पुस्तकालय के माध्यम से सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख ने दलित और मुस्लिम महिलाओं के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. 

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फातिमा शेख ने आजीवन घर-घर जाकर दलित समुदाय और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच शिक्षा का संदेश फैलाती रहीं. हालांकि, उनके लिए यह काम आसान नहीं था. कई बार उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. उन्हें अपमानित भी होना पड़ा. लेकिन शेख और उनके सहयोगी डटे रहे. रत सरकार ने साल 2014 में फातिमा शेख की उपलब्धियों पर नई रोशनी डाली. उर्दू पाठ्यपुस्तकों में उनको शामिल किया गया.  

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