महंगाई के मोर्चे पर ग्रामीण भारत को राहत, कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए मुद्रास्फीति कम हुई 

कीमतों में कमी के कारण कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई दर में कमी देखने को मिली है.दिसंबर 2024 में कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई दर क्रमश: 5.01 प्रतिशत और 5.05 प्रतिशत थी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

ग्रामीण भारत के लिए महंगाई के मोर्चे पर राहत भरी खबर है। जनवरी 2025 में कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई दर में कमी आई है. श्रम मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया कि ऑल-इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर एग्रीकल्चर लेबरर्स (सीपीआई-एएल) और रूरल वर्कर्स के लिए सूचकांक (सीपीआई-आरएल) में महंगाई दर जनवरी में गिरकर क्रमश: 4.61 प्रतिशत और 4.73 प्रतिशत रह गई है। पिछले साल समान अवधि में यह क्रमश: 7.52 प्रतिशत और 7.37 प्रतिशत थी.

कीमतों में कमी के कारण कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई दर में कमी देखने को मिली है.दिसंबर 2024 में कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई दर क्रमश: 5.01 प्रतिशत और 5.05 प्रतिशत थी.

कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई पिछले पांच महीनों से लगातार घट रही है. यह इन कमजोर वर्गों के लिए एक बड़ी राहत है, जो बढ़ती कीमतों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इससे उनके हाथ में अधिक पैसा बचता है, जिसे वह बेहतर जीवनशैली पर खर्च कर सकते हैं.

  • कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए महंगाई दर में गिरावट ऐसे समय पर हुई है, जब समग्र खुदरा महंगाई जनवरी 2025 में पांच महीने के निचले स्तर 4.31 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
  • महंगाई का लगातार कम होना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत हैं। इससे देश की आर्थिक वृद्धि दर को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
  • देश की विकास दर को रफ्तार देने के लिए इस महीने की शुरुआत में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट को 25 आधार अंक कम करके 6.25 प्रतिशत कर दिया था.

इस दौरान उन्होंने कहा था कि महंगाई में गिरावट आई है और इसके और कम होने एवं धीरे-धीरे आरबीआई के लक्ष्य के अनुरूप होने की उम्मीद है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War के 3 साल पूरे होने पर रूस ने यूक्रेन पर किया अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला