सोना तस्करी मामला: कर्नाटक के गृहमंत्री पर ईडी ने मारा छापा तो डीके शिवकुमार ने बताया वेडिंग गिफ्ट

Gold Smuggling Case: प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ी सफलता का दावा करते हुए कहा है कि एक शिक्षा ट्रस्ट ने कथित तौर पर एक प्रभावशाली व्यक्ति के निर्देश पर रान्या राव के क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 40 लाख रुपये का भुगतान किया. इसने कहा, "इस भुगतान को प्रमाणित करने के लिए कोई सहायक वाउचर या दस्तावेज नहीं मिले."

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रान्या राव मामले में कर्नाटक के गृहमंत्री फंसे तो डीके शिवकुमार ने उनका बचाव किया है.
बेंगलुरु:

अभिनेत्री रान्या राव से जुड़े सोना तस्करी मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के बीच एक नया मोड़ यह आया है कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आज कहा कि मंत्री ने उनसे कहा था कि उन्होंने अभिनेत्री को शादी का तोहफा दिया था और इसमें "कुछ भी गलत नहीं है."

"गिफ्ट में लाखों देते हैं"

शिवकुमार ने आज राज्य के गृह मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की. बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने अभी परमेश्वर से बात की, एक विवाह समारोह था. हम सार्वजनिक जीवन में हैं, हम संस्थाएं चलाते हैं. अपने परिचित लोगों के प्रति सम्मान के तौर पर हम ढेर सारे उपहार देते हैं, हम 1 रुपया, 10 रुपये, 10 लाख रुपये, 5 लाख रुपये देते हैं. मुझे लगता है कि उन्होंने भी कोई उपहार दिया होगा. यह एक विवाह था, इसमें कुछ भी गलत नहीं है."

रान्या राव का समर्थन नहीं

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि रान्या राव पर जिस तरह की गतिविधियों का आरोप है, उसका कोई भी राजनेता समर्थन नहीं करेगा.उस महिला ने जो भी गतिविधियां की हैं, वह एक निजी मामला है, कानून अपना काम करेगा. जहां तक ​​परमेश्वर का सवाल है, हम हजारों लोगों से मिलते हैं, हमें नहीं पता कि कौन क्या करता है. हम कानून और ईडी के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते. मैंने उनसे सिर्फ चर्चा की, मैंने उनसे पूछा कि वास्तविकता क्या है, उन्होंने कहा कि शादी के समय उन्होंने दिया है, उन्होंने उपहार दिया है. ये बिल्कुल स्वाभाविक है.

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दिलचस्प बात यह है कि जब एनडीटीवी ने परमेश्वर से उनके कैबिनेट सहयोगी द्वारा कही गई बातों पर टिप्पणी करने के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "आप डीके शिवकुमार से पूछिए." जब उनसे पूछा गया कि क्या वह जांच में सहयोग करेंगे, तो उन्होंने कहा, "जरूर".

कर्नाटक के गृह मंत्री पर कौन सा केस

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोना तस्करी मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री से जुड़े कई शैक्षणिक संस्थानों पर छापेमारी की है. केंद्रीय एजेंसी इस मामले की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कर रही है और उन हवाला ऑपरेटरों को निशाना बना रही है, जिन्होंने कथित तौर पर रान्या राव से जुड़े खातों में 'फर्जी' लेनदेन किया था.

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कर्नाटक के गृह मंत्री ने क्या कहा

परमेश्वर ने कहा कि एजेंसी के अधिकारियों ने तीन संस्थानों और एक विश्वविद्यालय का दौरा किया और पिछले पांच वर्षों के वित्तीय रिकॉर्ड मांगे. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कर्मचारियों को जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा, "एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो देश के कानून में विश्वास करता है, मैं उनके सत्यापन या तलाशी से जो भी सामने आएगा, उसमें सहयोग करने के लिए तैयार हूं." जब उनसे उन आरोपों के बारे में पूछा गया कि उनके संस्थान के खाते से 40 लाख रुपये की राशि का इस्तेमाल रान्या राव के क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने के लिए किया गया, तो उन्होंने कहा कि वे जांच पूरी होने के बाद जवाब देंगे.

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सोना तस्करी मामला क्या है

3 मार्च को दुबई से आने के बाद बेंगलुरु एयरपोर्ट पर रान्या राव को गिरफ्तार किया गया था. राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों ने उसके पास से 12 किलो वजनी सोने की छड़ें जब्त कीं, जिनकी कीमत 12 करोड़ रुपये से अधिक है. राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा समय पर आरोप-पत्र दाखिल न कर पाने के बाद कल एक विशेष अदालत ने रान्या राव और एक सह-आरोपी को जमानत दे दी. हालांकि, अभिनेत्री को जेल में ही रहना होगा, क्योंकि उन पर विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1974 के तहत भी आरोप लगाए गए हैं, जो एक साल तक बिना जमानत के निवारक हिरासत में रखने की अनुमति देता है.

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प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ी सफलता का दावा करते हुए कहा है कि एक शिक्षा ट्रस्ट ने कथित तौर पर एक प्रभावशाली व्यक्ति के निर्देश पर रान्या राव के क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 40 लाख रुपये का भुगतान किया. इसने कहा, "इस भुगतान को प्रमाणित करने के लिए कोई सहायक वाउचर या दस्तावेज नहीं मिले."

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