- भावना जोशी ने कहा कि गोवा अग्निकांड में सिद्धार्थ और गौरव लूथरा आग लगने के बाद विदेश भाग गए थे
- आग लगने के समय नाइटक्लब में कोई प्रभावी बचाव व्यवस्था नहीं थी और लोग ग्लास से आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे
- थाईलैंड पुलिस ने गौरव और सौरभ लूथरा को हिरासत में लिया है और डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है
अगर सिद्धार्थ और गौरव लूथरा को सजा नहीं मिली तो कानून से लोगों को विश्वास उठ जाएगा. अपने परिवार के चार सदस्यों पति विनोद, बहन कमला जोशी, बहन अनीता जोशी और बहन सरोज जोशी को गोवा अग्निकांड में खो चुकी भावना जोशी ने ये बात कही. भावना ने कहा कि सिद्धार्थ और गौरव लूथरा आग लगने के बाद विदेश भाग गए. इससे पता लगता है कि ये लोग कितने संवेदनशील थे. सिद्धार्थ लूथरा का दावा है कि आग से बचाव के सारे उपाय मौजूद थे, लेकिन मौके की प्रत्यक्षदर्शी भावना बताती हैं कि आग से बचाव के कोई उपाय वहां मौजूद नहीं थे. जब आग लगी तो सबसे पहले मेरे पति ने ही बताया था कि आग लगी है. उसके बाद डांसर वहां से भागी और देखते ही देखते आग तेजी से फैली. मैं चिल्लाती रही कि मेरे पति और बहन अंदर हैं, लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी.
जैसे मेरे परिवार ने भुगता...
भावना जोशी ने कहा कि गौरव और सिद्धार्थ लूथरा को लेकर सरकार को अब सख़्त कदम उठाना चाहिए, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो. लोगों को भी जागरुक रहना चाहिए, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो. मेरे परिवार गया है, किसी दूसरे का परिवार न जाए. वहीं कमला जोशी के पति और भावना के जीजा नवीन चंद्र बताते हैं कि गोवा पुलिस की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली. आग बुझाने के कोई इंतज़ाम नहीं थे. लोग ग्लास से आग बुझा रहे थे.
गोवा में कैसे लगी आग
भावना ने बताया कि डांस के समय इलेक्ट्रिक सामानों में फायर क्रैकर्स जैसी आतिशबाजी हो रही थी. ऊपर बांस की छत थी, पहले एक चिनगारी ऊपर उठी. फिर देखते ही देखते धुआं होने लगा. क्योंकि रोशनी कम थी, बहुत सारे लोग देख ही नहीं पाए. मेरे पति ने जब तक बताया, तब तक आग बहुत ऊपर फैल गई थी. अगर आग बचाने के पर्याप्त उपाय होते तो आग फैलती नहीं, लेकिन जब आग लगी तो पानी के ग्लास से लोग आग बुझा रहे थे.
गौरव और सौरभ लूथरा पकड़े गए
उधर, गोवा के नाइटक्लब में हुए भीषण अग्निकांड में आरोपी गौरव और उसके भाई सौरभ लूथरा को थाईलैंड पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. दो देशों के बीच फैले एक तेज मल्टी-एजेंसी ऑपरेशन में बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब के दोनों मालिकों को संभलने का मौका तक नहीं मिला. दोनों भाइयों को फुकेट में एक डिटेंशन सेंटर में ले जाया गया है. दोनों के डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और अधिकारियों को उम्मीद है कि दोनों को जल्द ही वापस लाया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि वे पहले ही थाईलैंड के अधिकारियों के संपर्क में हैं और आरोपियों की वापसी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है.
कैसे पकड़े गए लूथरा ब्रदर्स
जलने से पहले गोवा नाइट क्लब
दरअसल गोवा के नाइटक्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद लूथरा भाई देश छोड़कर भाग गए थे. इमिग्रेशन अधिकारियों द्वारा उनके जाने की सूचना मिलने के बाद भारत में अधिकारियों ने उन्हें ट्रैक करने में बिल्कुल भी समय बर्बाद नहीं किया. भारतीय अधिकारियों ने तुरंत अपने थाई अधिकारियों को अलर्ट किया. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन तेजी से करने की जरूरत थी, क्योंकि इस बात का खतरा था कि अगर उन्हें (लूथरा भाइयों) पता चला कि उन्हें ट्रैक किया जा रहा है तो दोनों थाईलैंड छोड़ देंगे. जानकारी मिलने के बाद थाई अधिकारी तुरंत हरकत में आ गए और पूरे द्वीप में तलाशी अभियान शुरू किया.
कब भागे थे लूथरा ब्रदर्स
गिरफ्तारी पहले हो सकती थी, लेकिन भाइयों ने फुकेट में जगह बदल ली. आखिरकार उन्हें ढूंढ लिया गया और फिर हिरासत में ले लिया गया. अधिकारियों का कहना है कि गौरव और सौरभ ने 7 दिसंबर को सुबह 1.17 बजे 'मेक माई ट्रिप' के जरिए अपने टिकट बुक किए थे. यह वही समय था जब फायर ब्रिगेड और पुलिस नाइटक्लब में फंसे लोगों को बचाने और आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे. थाईलैंड से भारत लाने के लिए अधिकारी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं. एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि डिपोर्टेशन जल्द ही होगा. भारत लौटने के बाद उन्हें आगे की जांच के लिए गोवा पुलिस को सौंप दिया जाएगा.
आने से पहले ही कोर्ट पहुंचे वकील
लूथरा ब्रदर्स की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की. गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा की तरफ से कहा गया कि कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं, टैक्स भरते हैं. उनका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है. लूथरा भाइयों ने कोर्ट के सामने अपनी जान का खतरा बताते हुए रक्षा करने की गुहार लगाई. उन्होंने 2, 3 या 4 दिनों के लिए प्रोटेक्शन की मांग की. उनके वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा कि उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है और उन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है.
जिस पते पर लूथरा ब्रदर्स की 42 कंपनियां रजिस्टर्ड वहां चल रहा गर्ल्स पीजी
दोनों भाई वापस लौटना चाहते हैं और जांच एजेंसी के साथ सहयोग करना चाहते हैं. याचिकाकर्ता मिर्गी और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित हैं. ऐसी हालत में उनकी तबीयत और भी बिगड़ सकती है. यह मेडिकल साइंस का मामला है. इससे इनकार कैसे किया जा सकता है? हालांकि गोवा पुलिस के वकील ने दोनों को जमानत दिए जाने का विरोध किया और कहा कि जो दवाएं वो लेते हैं, वो कॉस्मेटिक स्किन और हेयर ट्रीटमेंट की दवाएं हैं. याचिका में जो दावे किए गए हैं, वो सही नहीं हैं. हालांकि, कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.














