बहरीन में घरेलू सहायिका का काम करने के लिए मजबूर थी गोवा की युवती, बचाकर लाया गया भारत

अच्छी कंपनी में नौकरी की लालच में युवती एक एजेंसी के माध्यम से बहरीन गई थी.जहां उसे किसी कंपनी में नौकरी नहीं दी गई बल्कि उससे घरेलू सहायिका का काम करवाया जा रहा था.

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मुंबई:

गोवा की 23 साल की युवती तेजल गावस विदेश में अच्छी कमाई की उम्मीद में बहरीन गई थी. उत्तरी गोवा के एजेंट सुरेश कुमार और कादर ने 17 फरवरी को उसे बहरीन भेजा था. लेकिन तेजल जब वहां पहुंची तो उसकी उम्मीद पर पानी फिर गई. वहां उसे किसी कंपनी में नही बल्कि घर में काम करने के लिए मजबूर किया जाने लगा. जब उसने इनकार किया तो उसके खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कराकर उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया.

परिवार ने मुंबई पुलिस से गुहार लगाई जिसकी जांच मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट दस को दी गई. सीनियर पी आई दीपक सावंत और पी आई धनराज चौधरी ने उसे भेजने वाले एजेंट और बहरीन में भारतीय दूतावास के अधिकारियों के साथ बार-बार संपर्क कर हकीकत बयान कर और जरूरी कानूनी कार्रवाई शुरू की. पुलिस के मुताबिक इसके साथ ही बहरीन में गल्फ महाराष्ट्र बिजनेस फोरम के अध्यक्ष डॉ. सुनील मांजरेकर और जयवंत पालेकर के साथ भारतीय नागरिक प्रफुल्ल शिंदे की भी मदद ली गई और आखिरकार तेजल को सुरक्षित भारत वापस लाने में सफलता मिली. 

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