पिछले हफ्ते रविवार को गोवा (Goa) के बेनौलिम बीच पर दो नाबालिग लड़कियों से कथित गैंगरेप और दो नाबालिग लड़कों के साथ हुई मारपीट के बाद गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) दबाव में हैं. उन्होंने अब जीवित बचे लोगों और उनके माता-पिता पर दोष मढ़ा है और अपनी सरकार और पुलिस को किसी भी तरह की जिम्मेदारी से दोषमुक्त करार दिया है.
गोवा विधानसभा में कल (बुधवार) की गई चौंकाने वाली टिप्पणी में सीएम सावंत ने पीड़ित माता-पिता को ही अपने बच्चों को देर रात तक बाहर निकलने की अनुमति देने के लिए दोषी ठहराया. रविवार को समुद्र तट पर हुई वारदात राजधानी पणजी से 30 किमी दूर है.
गृह मंत्रालय भी संभालने वाले मुख्यमंत्री ने कहा, "जब 14 साल के बच्चे पूरी रात समुद्र तट पर रहते हैं, तो माता-पिता को अपने अंदर झांकने की जरूरत है. सिर्फ इसलिए कि बच्चे नहीं सुनते हैं, हम सरकार और पुलिस पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकते हैं."
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सीएम सावंत ने कहा कि अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना माता-पिता का कर्तव्य है और लड़कियों को रात में घर से बाहर नहीं निकलने देना चाहिए, खासकर जब वे नाबालिग हैं. उन्होंने कहा, "हम पुलिस को दोष देते हैं... लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि एक पार्टी के लिए समुद्र तट पर गए 10 युवाओं में से चार पूरी रात समुद्र तट पर रहे ... दो लड़के और दो लड़कियां. किशोर, विशेष रूप से नाबालिग, को समुद्र तटों पर रातें नहीं बितानी चाहिए."
सीएम की टिप्पणियों ने विपक्षी नेताओं के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है. सीएम की टिप्पणी से नाराज विपक्ष ने उनसे इस्तीफे की मांग की है और दावा किया कि गोवा में भाजपा शासन महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक हो गया है. इससे पहले गोवा कांग्रेस के प्रवक्ता अल्टोन डी'कोस्टा ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है.