"लड़कियों को सेक्स की इच्छा पर कंट्रोल रखना चाहिए, लड़कों को...": कलकत्ता हाईकोर्ट की नसीहत

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि यह युवा लड़कियों का कर्तव्य है कि वे "अपने शरीर की अखंडता, गरिमा और आत्म-सम्मान के अधिकार" की रक्षा करें.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
कोर्ट ने लड़कियों से आग्रह किया कि वे अपनी सेक्सुअल इच्छाओं पर कंट्रोल रखें और दो मिनट के आनंद में न पड़ें.(प्रतीकात्मक फोटो)
कोलकाता:

कलकत्ता हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ एक नाबालिग लड़के के अनुरोध पर सुनवाई करते हुए युवा लड़के और लड़कियों के लिए दिशानिर्देशों की है. इस दिशानिर्देश सूची में युवाओं से अपनी सेक्स की इच्छा को कंट्रोल करने और दूसरे जेंडर की गरिमा और बॉडी ऑटोनॉमी का सम्मान करने के लिए कहा गया है.बॉडी ऑटोनॉमी किसी व्यक्ति का वह अधिकार होता है जिसमें उसके शरीर पर उसका पूरी तरह से नियंत्रण  होता है.

भारत में सेक्सुअल रिलेशन के लिए सहमति की उम्र 18 साल

पिछले साल एक सेशन कोर्ट ने नाबालिग लड़के को अपने रोमांटिक पार्टनर, जो नाबालिग है, के साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाने के लिए 20 साल जेल की सजा सुनाई थी. इस सुनवाई के दौरान लड़की ने अदालत को बताया था कि वह अपनी मर्जी से रिश्ते में थी और उसने बाद में उससे शादी कर ली. उन्होंने कहा कि भारत में सेक्स के लिए सहमति की उम्र 18 साल है और उनका रिश्ता अपराध है.

बता दें कि सेक्सुअल रिलेशन के लिए 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति द्वारा दी गई सहमति को वैध नहीं माना जाता है और उनके साथ बनाया गया संबंध यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत रेप के बराबर है.

स्कूलों में बेहतर सेक्स एजुकेशन शुरू करना जरूरी

जस्टिस चित्त रंजन दाश और पार्थ सारथी सेन की दो-जजों की पीठ ने सेशन कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और कम उम्र में सेक्सुअल रिलेशन से उत्पन्न होने वाली कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए स्कूलों में बेहतर सेक्स एजुकेशन को शुरू करने की बात कही. पीठ ने कहा कि युवाओं के बीचसेक्सुअल रिलेशन सामान्य है लेकिन इस तरह की इच्छा की उत्तेजना व्यक्ति विशेष शायद पुरुष या महिला के एक्शन पर निर्भर करती है.

कोर्ट ने लड़कियों से दो मिनट के आनंद में न पड़ने का किया आग्रह

कोर्ट ने लड़कियों से आग्रह किया कि वे अपनी सेक्सुअल इच्छाओं पर कंट्रोल रखें और दो मिनट के आनंद में न पड़ें. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ''सेक्स की इच्छा को कंट्रोल रखें, क्योंकि समाज की नजरों में जब लड़कियां सिर्फ दो मिनट के यौन सुख का आनंद लेने के लिए तैयार हो जाती है तो वह हार जाती है.''

लड़कों को लड़की की गरिमा का सम्मान करना चाहिए : कोर्ट

पीठ ने यह भी कहा कि यह युवा लड़कियों का कर्तव्य है कि वे "अपने शरीर की अखंडता, गरिमा और आत्म-सम्मान के अधिकार" की रक्षा करें. इसके साथ ही कहा गया है कि लड़कों को लड़की की गरिमा का सम्मान करना चाहिए और अपने दिमाग में महिलाओं का सम्मान देने की बात लानी चाहिए.
 

Featured Video Of The Day
Tulsi Gabbard संभालेंगी America में जासूसी की कमान, हिंदू धर्म में रखती हैं आस्था | Trump Cabinet
Topics mentioned in this article