हिंदू कॉलेज में बुर्का पहनकर आईं छात्राओं को गेट पर रोका, जमकर हुआ हंगामा

मुरादाबाद में हिंदू कॉलेज की कुछ छात्राएं बुर्का पहनकर हिंदू कॉलेज के गेट पर पहुंची, लेकिन उन्‍हें गेट से अंदर नहीं आने दिया गया. कॉलेज ने नया ड्रेस कोड एक जनवरी से लागू किया है. छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से मांग की है कि उन्‍हें कक्षाओं तक बुर्का पहनकर जाने की इजाजत दी जाए.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
कॉलेज ने नया ड्रेस कोड एक जनवरी से लागू किया है(प्रतीकात्‍मक फोटो)

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हिंदू कॉलेज की कुछ छात्राओं को यहां के छात्रों के लिए निर्धारित यूनिफॉर्म कोड के बावजूद बुर्का पहनने के कारण कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया. छात्राओं का आरोप है कि उनका कॉलेज उन्हें बुर्का पहनकर कॉलेज परिसर में प्रवेश नहीं करने दे रहा था और उन्हें गेट पर मजबूरन बुर्का उतारना पड़ा. इस मुद्दे पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. कुछ छात्रों ने कक्षाओं तक छात्राओं को बुर्का पहनकर जाने की इजाजत मांगी है. 

मामला बुधवार दोपहर का है, जब कुछ छात्राएं बुर्का पहनकर हिंदू कॉलेज के गेट पर पहुंची, लेकिन उन्‍हें गेट से अंदर नहीं आने दिया गया. सूचना मिलने पर समाजवादी पार्टी छात्र सभा के अधिकारी भी यहां पहुंच गए.  इसके बाद उक्त मामले को लेकर निर्धारित नियमों पर अड़े रहे छात्रों, समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं व कॉलेज के प्राध्यापकों के बीच हाथापाई भी हो गई. हिंदू कॉलेज में हुए इस हंगामे का एक वीडियो भी इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. 

इस बीच, कॉलेज के प्रोफेसर डॉ एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने यहां छात्रों के लिए एक ड्रेस कोड लागू किया है और जो कोई भी इसका पालन करने से इनकार करेगा, उसे कॉलेज परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा. बता दें कि कॉलेज ने नया ड्रेस कोड एक जनवरी से लागू किया है. इस पर समाजवादी छात्र सभा के सदस्यों ने बुर्का को कॉलेज के ड्रेस कोड में शामिल करने और लड़कियों को इसे पहनकर अपनी कक्षाओं में जाने की अनुमति देने के लिए एक ज्ञापन सौंपा.

Advertisement

जनवरी 2022 में कर्नाटक में भी ऐसी ही स्थिति पैदा हुई थी. उडुपी जिले के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया, तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ. विरोध प्रदर्शन के दौरान, कुछ छात्रों ने दावा किया कि हिजाब पहनने के कारण उन्हें कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया. ये मामला कोर्ट में भी पहुंचा था और जमकर राजनीति हुई थी. मामला कर्नाटक उच्च न्यायालय में ले जाया गया था, जिसने शिक्षा संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 13 अक्टूबर को इस मामले में खंडित फैसला सुनाया था.

Advertisement
Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?
Topics mentioned in this article