उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक स्कूल प्रिंसिपल को छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने इसकी जानकारी देते हुआ बताया कि प्रिंसिपल डॉ. राजीव पांडे पर आरोप है कि वो छात्राओं को अलग-अलग बहाने से अपने ऑफिस में बुलाता था और उन्हें गलत तरीके से छूता था. 12 से 15 साल की उम्र की लड़कियों का कहना है कि पहले तो वो दुर्व्यवहार के बारे में बोलने से बहुत डरती थीं, लेकिन आखिरकार उन्होंने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया.
पुलिस के मुताबिक, लड़कियों ने प्रिंसिपल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखा है.
छात्राओं के परिजनों ने प्रिंसिपल की पिटाई की
लड़कियों ने पत्र में दावा किया कि जब उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को प्रिंसिपल की हरकतों के बारे में बताया, तो परिवार के सदस्य स्कूल गए. माता-पिता और प्रिंसिपल पांडे के बीच आमना-सामना हुआ, जहां पांडे ने छात्रों और उनके परिवारों के साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया. इसके बाद लोगों ने प्रिंसिपल की पिटाई कर दी, जिससे वो घायल हो गया.
वहीं छात्रों और उनके अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें धमकाया और कई घंटों तक हिरासत में रखा.
खून से लिखे पत्र में दावा किया गया है, ''हमें चार घंटे तक पुलिस स्टेशन में बैठने के लिए मजबूर किया गया. वहीं स्कूल अधिकारियों ने हमें अब कक्षाओं में नहीं आने का आदेश दिया है."
पुलिस ने स्कूल प्रिंसिपल को किया गिरफ्तार
पत्र में दावा किया गया है कि छात्रों को उनके माता-पिता ने बताया था कि प्रिंसिपल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का सदस्य था और इसीलिए उसके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई. स्कूल में अभिभावकों के साथ झड़प के बाद आखिरकार पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया.
छात्राओं ने सीएम योगी को लिखा पत्र
योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में दावा किया गया है, ''उनके द्वारा प्रताड़ित किए गए हम सभी लोग आपसे व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं. हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हमें और हमारे माता-पिता को आपसे मिलने और न्याय की मांग करने की अनुमति दें. हम सभी आपकी बेटियां हैं."
वहीं गाजियाबाद की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सलोनी अग्रवाल ने कहा है कि मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है.