राज्यसभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता रहे गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) ने कहा है कि किसान आंदोलनसे जुड़े मामले में सरकार को हठधर्मी नहीं होना चाहिए. NDTV से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे मुसलमान होने पर गर्व है. मेरी राज्यसभा में पारी खत्म हुई है, राजनीति अभी बाकी है. वरिष्ठ नेता आजाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 136 बरस की हो गई है.क्योंकि पुरानी पार्टी है, अगर बीजेपी का कोई मुकाबला कर सकता है, तो वह कांग्रेस ही कर सकती है. उन्होंने कहा कि लोकल पार्टियां भी कांग्रेस की तरफ ही देखते हैं. लोग कांग्रेस से अपेक्षा रखते हैं कि वह रूलिंग पार्टी से मुकाबला करते हैं. कांग्रेस को मजबूत देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, हर स्तर पर चुनाव होना चाहिए. जब ये सब होने लगेगा तो नई कांग्रेस उभर कर आ जाएगी.
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आजाद ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक है कांग्रेस लेकिन सिकुड़ रही है. यह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी जवानी पार्टी को दी है .कांग्रेस में संगठन चुनाव जरूरी है. कांग्रेस में नीचे से ऊपर तक चुनाव होना चाहिए. चुनाव से जवाबदेही पैदा होती है.कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष होना चाहिए, हमने यही बात की है. उन्होंने कहा कि सवाल गांधी-गैर गांधी का नहीं है. कांग्रेस को मजबूत होना चाहिए.राज्यसभा में अपने विदाई संबोधन के बारे में बात करते हुए आजाद ने कहा, 'बहुत सारे लोगों को कन्फ़्यूज़न है कि प्रधानमंत्रीजी भावुक किस पर हुए थे और मैं किस चीज़ पर हुआ था. उसका विदाई से कोई संबंध नहीं था. उसका एक इंसीडेंट से संबंध था, जब मैं जम्मू कश्मीर का सीएम था तो गुजरात की टूरिस्ट बस पर हमला हुआ था. उस इंसीडेंट का प्रधानमंत्री जिक्र कर रहे थे कि किस तरह से मैं रोया था. वो बच्चे जिस तरह से टांगों से लिपट गए थे. मैं भावुक हो गया थातो मैं रोते-रोते ही फ़ोन पर बात करता था.
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उन्होंने कहा, 'आगे के प्लान के बारे में कहूंगा...सितारों से आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तिहान और भी हैं. आजाद ने कहा कि हम लोगों के व्यक्तिगत संबंध बन जाते हैं. विदाई तो व्यक्तिगत है, दो ही पार्टियां हैं पूरे देश में कांग्रेस और बीजेपी. बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस ही कर सकती है. जब हम सत्ता में तो लोग बीजेपी को देखते थे. अभी कांग्रेस को देखते हैं, उससे अपेक्षा रखते हैं. हम लोगों ने तफ़री का समय पार्टी में लगाया था. राजीव गांधी और मैं रात को ही बैठते थे और रात में फ़ोन भी करते थे लोगों को सुबह 8 से रात 2 बजे तक काम करते थेपार्टी के चुनाव से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि अध्यक्ष तो होना ही चाहिए, फुल टाइम होना चाहिए. चुनाव में रेस्पोसिबिलिटी होती है. उन्होंने कहा कि सवाल गांधी और नॉन गांधी का नहीं, संगठन का है. हर स्तर पर चुनाव होना चाहिए. जब ये सब होने लगेगा तो नई कांग्रेस उभर कर आ जाएगी.