कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के भतीजे बीजेपी में शामिल, पीएम मोदी को लेकर कही ये बात

मुबाशिर ने कहा, कांग्रेस पार्टी आंतरिक कलह में फंस गई है, जबकि मोदी के नेतृत्व में बीजेपी  जमीनी स्तर पर कल्याणकारी कार्यों में जुटी है. कांग्रेस ने पार्टी के करिश्माई नेता के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया.

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Ghulam Nabi Azad कांग्रेस के असंतुष्ट समूह जी-23 में शामिल रहे हैं
जम्मू:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Congress leader Ghulam Nabi Azad) के भतीजे मुबाशिर आजाद (Mubashir Azad) ने रविवार को बीजेपी (BJP) की सदस्यता ले ली. मुबाशिर का कहना है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासवादी राजनीति से प्रेरित हैं और जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं. मुबाशिर आजाद, गुलाम नबी आजाद के सबसे छोटे भाई लियाकत अली के बेटे हैं. उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के साथ आरोप लगाया कि उनके चाचा के साथ कांग्रेस नेतृत्व ने बुरा सलूक किया है, जिससे वो बहुत आहत हैं. इसी कारण से वो कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी के साथ जुड़ रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह दावा किया कि बीजेपी में शामिल होने को लेकर उन्होंने अपने चाचा और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद से कोई राय मशविरा नहीं किया था.

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जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के अध्यक्ष रवींद्र रैना और अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने मुबाशिर का पार्टी में स्वागत किया. रैना ने कहा कि मुबाशिर आजाद का बीजेपी में शामिल होना एक टर्निंग प्वाइंट है और डोडा, किश्तवाड़, रामबन जिलों से बड़ी संख्या में युवक बीजेपी के साथ जुड़ रहे हैं. दूसरी पार्टी के बड़े नेताओं के शामिल होने से बीजेपी तेजी से बढ़ रही है. हिन्दू, मुस्लिम, गुर्जर, बकरवाल औऱ अन्य समुदायों के राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम रहे हैं. अप्रैल 2009 में आजाद के भाई गुलाम अली ने भी बीजेपी ज्वाइन की थी.

मुबाशिर ने कहा, कांग्रेस पार्टी आंतरिक कलह में फंस गई है, जबकि मोदी के नेतृत्व में बीजेपी  जमीनी स्तर पर कल्याणकारी कार्यों में जुटी है. कांग्रेस ने पार्टी के करिश्माई नेता के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. जबकि खुद पीएम मोदी ने आजाद को उनकी देश सेवा के लिए सम्मानित किया है. गौरतलब है कि आजाद कांग्रेस के असंतुष्ट समूह जी-23 का हिस्सा हैं, जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सांगठनिक बदलाव के लिए अनुरोध किया था, जिसके बाद पार्टी में मतभेद खुलकर सामने आ गए थे. 

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