गाजियाबाद में ऑक्सीजन और बेड को लेकर बढ़ रही शिकायतों के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने ऑक्सीजन मुहैया कराने का ऐलान किया था लेकिन पहले ही दिन ऑक्सीजन को व्यवस्था धराशाई होती दिखी. ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए मरीजों की RT-PCR रिपोर्ट और ऑक्सीजन लेवल देखकर ही ऑक्सीजन भरवाने की बात कही गई थी इसके चलते पहले ही दिन आज सुबह पांच बजे से लोग बड़ी संख्या में लाइन में खड़े हो गए थे. दिल्ली के सरिता विहार से आए हेमंत शर्मा ने बताया, ' मेरा भतीजा ICU में है और मैं सुबह से ऑक्सीजन लेने के लिए लाइन में खड़ा है. कोई नेता नहीं दिख रहा है हम हैरान परेशान सड़कों पर हैं.' वे कहते हैं, 'मेरी भी जान खतरे में है. हम लोग कहां जाए किसी का बेटा वेटीलेंटर पर किसी की मां बीमार है लेकिन कोइ सुनने वाला नहीं.'
सैकड़ों लोगों की इस भीड़ में सुनीता भी है जिनकी भाभी का ऑक्सीजन लेवल साठ पर हैं. मंडावली से लेकर दादरी तक के चक्कर लगाकर अब वो गाजियाबाद पहुंची हैं. वे कहती हैं, 'सुबह पांच बजे से मंडावली तक से घूम कर आ गई है. ऑक्सीजन नहीं मिली. साठ हजार का सिलेंडर और दो हजार किराया मांग रहे हैं, कहां से लाऊं. होम आइशोलेशन में रहने वाले मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए इस आक्सीजन प्लांट पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है लेकिन यहां न तो ऑक्सीजन है न सोशल डिस्टेंसिंग और न ही कोई पुलिस. बहुत खोजने पर हमें अधिकारी मिले तो बोले कि अब शाम को पांच बजे तक ऑक्सीजन आएगी. वहां पर मौजूद एक अन्य शख्स कहता है, 'मैं पॉजिटिव नहीं हूं लेकिन यहां आकर हो जाऊंगा. कम से कम यहां सिस्टम तो बनाया जा सकता था.
गाजियाबाद के एक दूसरे ऑक्सीजन प्लांट पर हम पहुंचे यहां से नर्सिंग होम के लिए सप्लाई होती है लेकिन यहां ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए निजी नर्सिंग होम के एंबुलेंस और गाडियों की कतार लगी है. रात से ही एंबुलेंस में सिलेंडर रखकर भरवाने के लिए लगे हैं ,टोकन दे दिया गया है लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिली है. ऑक्सीजन भरने में सात से आठ घंटे लगते हैं इसीलिए नर्सिंग होम मरीजों को लेने से मना कर रहे हैं. इस सारी समस्याओं के लिए प्रशासन ने कोविड कमांड सेंटर बनाया है लेकिन ये सेंटर भी पॉजिटिव मरीजों को फोन पर दिलासा देने के अलावा कोई मदद नहीं कर पा रहा. इनको न ऑक्सीजन की कमी और न ही बेड की संख्या पता है.गाजियाबाद में DM और CMO कोरोना पॉजिटिव हैं, इसी के चलते गाजियाबाद के विधायक और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग से हमने मिलने की कोशिश की लेकिन मंत्रीजी लखनऊ में है और कोठी पर सन्नाटा पसरा हुआ है. मंत्रीजी के पीए प्रेम सिंह को लगाने पर वे उठा नहीं रहे. अब आप खुद समझ सकते हैं कि इस कोरोना की आपदा से सिस्टम थक रहा है सरकार बैकफुट पर है और फिलहाल लोगों को खुद ही इससे निपटना पड़ेगा.