जर्मनी की अदालत ने माता-पिता को भारतीय बच्ची की कस्टडी देने से किया इनकार : रिपोर्ट

27 महीने की अरिहा शाह सितंबर 2021 से जर्मनी के यूथ वेलफेयर ऑफिस की कस्टडी में है, बच्ची को लगी दो चोटों को लेकर जर्मन कोर्ट ने दिया फैसला

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
बच्ची के माता-पिता ने भारत सरकार पर विश्वास जताया है.

बर्लिन के पैंको की एक अदालत ने 27 महीने की अरिहा शाह को उसके माता-पिता को सौंपने से इनकार कर दिया और उसे जर्मनी के युवा कल्याण कार्यालय (Jugendamt) को सौंप दिया. अरिहा सितंबर 2021 से जुगेंडमट की कस्टडी में है.

इंडिया टुडे ने एक रिपोर्ट में बताया कि अदालत ने शुक्रवार को जर्मन राज्य को अरिहा की कस्टडी दे दी और उसके माता-पिता के दावे को खारिज कर दिया कि उनके द्वारा लगी चोट "दुर्घटनावश" थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अरिहा के माता-पिता ने भारत सरकार के प्रति विश्वास व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ जयशंकर उनके बच्चे को भारत वापस लाने की दिशा में काम करेंगे. उनके कथन का हवाला दिया गया है कि, "आज से, हम अरिहा को 140 करोड़ भारतीयों को सौंपते हैं." 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची के माता-पिता ने शुरू में उसकी कस्टडी मांगी थी, लेकिन बाद में अनुरोध किया कि उसे भारतीय कल्याण सेवाओं को दे दिया जाए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि, माता-पिता या भारतीय कल्याण सेवाओं को कस्टडी में देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने उन दो चोटों की ओर इशारा किया जो कि अरिहा को लगी थीं. अप्रैल 2021 में उसके सिर और पीठ में चोट नहाते समय लगी थीं और सितंबर 2021 में उसके जननांग में चोट लगी थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालत ने कहा कि "बच्चे पर मौजूदा खतरे को टालने" के लिए माता-पिता की देखभाल में सौंपने से इनकार किया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि, दोष सिद्ध हो गया है कि "मां और / या पिता जानबूझकर बच्चे के जननांग में गंभीर चोटों का कारण बने" और वे "पर्याप्त सुसंगत तरीके से विचाराधीन घटनाओं को स्पष्ट करने" में असमर्थ रहे.

Advertisement

दो जून को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि अरिहा का जर्मन फोस्टर केयर में रहना और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों का "उल्लंघन" भारत सरकार और उसके माता-पिता के लिए गहरी चिंता का विषय है.

बागची ने कहा था, "हम यह दोहराना चाहेंगे कि अरिहा शाह एक भारतीय नागरिक हैं और उनकी राष्ट्रीयता और सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि यह निर्धारित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारण हैं कि कहां उसका पालन-पोषण किया जाना चाहिए."

Advertisement

दो जून को ही 19 राजनीतिक दलों के 59 सांसदों ने भारत में जर्मनी के राजदूत डॉ फिलिप एकरमैन को भी लिखा था. उसमें जर्मनी से अरिहा को भारत वापस करने का अनुरोध किया गया था. उनसे जोर देकर कहा गया था कि "भारत अपने बच्चों की अच्छी देखभाल कर सकता है."

Featured Video Of The Day
Karnataka: चुनावी गारंटियों को लेकर Congress में घमासान, Mallikarjun Kharge ने दी नसीहत
Topics mentioned in this article